‘७२ हूरें’ चलचित्र (फिल्म) के दिग्दर्शक संजय चौहान को सामाजिक माध्यम से जान से मारने की धमकियां !
चलचित्र को मुसलमानविरोधी कहते हुए उसकी आलोचना
चलचित्र को मुसलमानविरोधी कहते हुए उसकी आलोचना
इस्लाम की संकल्पना पर आधारित चित्रपट का विज्ञापन करने वाले वीडियो को (‘ट्रेलर को’) अनुमति न देने वाला केंद्रीय चित्रपट परिनिरीक्षण बोर्ड हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को दुखाने वाले ‘आदिपुरुष’ चित्रपट को आसानी से अनुमति देता है, यह ध्यान मे लें !
‘इसके पीछे षड्यंत्र हो सकता है,’ ऐसा दिग्दर्शक सुदीप्तो सेन का आरोप
‘आदिपुरुष’ चित्रपट के संवाद पलटने का आश्वासन लेखक और निर्देशक ने दिया है । केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड ने चित्रपट को प्रमाण पत्र दिया है ।
वास्तविक आपत्तिजनक संवाद हटाए जाएं तबतक इस चलचित्र का प्रदर्शन रोकना आवश्यक है । आजकल अधिकांश चलचित्र ८ से १५ दिनों में ही पुराने हो जाते हैं । इसलिए एक सप्ताह में आपत्तिजनक संवाद हटाने का आश्वासन देना, अर्थात ‘बाद में देखा जाएगा’ ऐसा ही कहना है ! यह हिन्दुओं की आंखो में धूल झोंकने समान ही है !
प्रसिद्ध केरल चलचित् रनिर्देशक भाजपा की केरल प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य अली अकबर उपाख्य रामसिम्हन अबुबकर ने १६ जून को पक्ष से त्यागपत्र दे दिया । वह गत कुछ सप्ताहों में भाजपा में को त्यागने वाले चलचित्र उद्योग के तीसरे व्यक्ति हैं ।
चित्रपट के माध्यम से भगवान श्रीराम, सीतामाता, श्री हनुमान आदि को गलत ढंग से दिखाया
अजमेर दरगाह सेवक संघ के सचिव सरवर चिश्ती का चलचित्र ‘अजमेर ९२’ के विरुद्ध अशोभनीय वक्तव्य !
पूर्व में हिन्दू-मुसलमान भाईचारे की झूठी बातें बताने वाले चित्रपट प्रदर्शित कर हिन्दुओं को भ्रम में रखकर उनका आत्मघात किया जाता था । अब हिन्दुओं को सत्य इतिहास बताकर वास्तविकता दर्शाने वाले चित्रपट प्रदर्शित होने से मुसलमान संगठनों और उनके नेताओं को मिर्ची लगेगी ही !
जिस क्षेत्र का हमें ज्ञान नहीं है, उसके विषय में अपनी अज्ञानता का प्रदर्शन तो न करें, यह सरल एवं सीधा सामाजिक नियम भी न जाननेवाले हिन्दूद्वेषी स्वयं का ही उपहास उडा रहे हैं !