अजमेर दरगाह सेवक संघ के सचिव सरवर चिश्ती का चलचित्र ‘अजमेर ९२’ के विरुद्ध अशोभनीय वक्तव्य !
अजमेर (राजस्थान) – मनुष्य धन से भ्रष्ट नहीं होता, संस्कारों से भ्रष्ट नहीं होता; लेकिन लडकी एक ऐसी चीज है जिसके कारण बडे-बडे लोग भी फिसल जाते हैं । विश्वामित्र जैसे भी फिसल सकते हैं। (ऋषि विश्वामित्र का विवाह अप्सरा मेनका से हुआ था। घोर तपस्या करने के उपरांत उन्होंने षड् रिपुओं पर विजय प्राप्त की और ब्रह्मऋषि बने । हिन्दू संतों की आलोचना करने वाले मुसलमान इस बात का उल्लेख करना क्यों भूल जाते हैं? – संपादक) आज जितने भी बाबा कारागार में हैं, वे सभी युवतियों के प्रकरण के कारण ही हैं । यह विषय ही ऐसा है कि सभी के पैर फिसल जाते हैं, यह वक्तव्य अजमेर दरगाह के सेवकों (खादिमों) के संगठन ´अंजुमन सैय्यद जादगान´ के सचिव सरवर चिश्ती ने किया, जिसका एक चलचित्र सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित किया जा रहा है । चलचित्र ४ जून का बताया जा रहा है। सरवर चिश्ती ने उपरोक्त कथन वर्ष १९९२ में अजमेर में हुई यौन शोषण की घटनाओं पर आधारित फिल्म ‘अजमेर ९२ ‘ के संबंध में दिया है। १९९२ में चिश्ती घराने के कुछ कामांध सदस्यों द्वारा हिन्दू लडकियों का यौन शोषण किया गया था। यह चलचित्र उसी घटना पर आधारित है और यह देश में १४ जुलाई को प्रदर्शित हो रही है।
Sarwar Chisti of the Ajmer Dargah justifying Ajmer 1992 sex scandal, where hundreds of Hindu girls were victims. He says “larki aisi cheez hai”. pic.twitter.com/sOXpxZm87K
— Pagan 🚩 (@paganhindu) June 10, 2023
१. ´अंजुमन सैय्यद जादगान´ के सैयद गुलाम किबरिया ने इस संबंध में बताया कि अजमेर दरगाह में हर धर्म के लोग आते हैं। यदि यहां से इस तरह के वक्तव्य दिए जा रहे हैं तो यह अयोग्य है । मैंने अभी तक वह चलचित्र नहीं देखा है । चलचित्र देखने के उपरांत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी । हमारा समाज महिलाओं और लडकियों का सम्मान करता है ।
२. अजमेर नगर उपमहापौर नीरज जैन ने कहा कि सरवर चिश्ती का वक्तव्य महिलाओं के प्रति उनकी घृणित मानसिकता को दर्शाता है । सरवर महिलाओं को केवल उपभोग की वस्तु मानते हैं । यह नारी शक्ति का अपमान है । खादिम समाज और पुलिस को उसके वक्तव्य पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।
संपादकीय भूमिका
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