तिरुवनंतपुरम (केरल) – प्रसिद्ध केरल चलचित् रनिर्देशक भाजपा की केरल प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य अली अकबर उपाख्य रामसिम्हन अबुबकर ने १६ जून को पक्ष से त्यागपत्र दे दिया । वह गत कुछ सप्ताहों में भाजपा में को त्यागने वाले चलचित्र उद्योग के तीसरे व्यक्ति हैं । गत वर्ष उन्होंने इस्लाम पंथ त्याग कर हिन्दू धर्म अपना लिया था । त्यागपत्र देते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं किसी राजनीति का दास नहीं हूं । अब सब से मुक्त होकर केवल धर्म के साथ खडा हूं !’
#PoliticalPulse | Free to stand with dharma: Film director, BJP’s Muslim face in Kerala quits partyhttps://t.co/P09IRiAAJr
— The Indian Express (@IndianExpress) June 16, 2023
१. अकबर ने १९२ के मालाबार विद्रोह पर आधारित फिल्म ‘हिन्दू साइड ऑफ द रिबेलियन’ की घोषणा की थी ।
२. अभी गत सप्ताह प्रसिद्ध मलयालम चलचित्र निर्देशक राजसेनन ने भी भाजपा की राज्य कार्यकारिणी से त्यागपत्र दिया था । एक कलाकार तथा एक राजनेता के रूप में मुझे भाजपा में दुर्लक्षित किया गया, जिसके फलस्वरूप मैंने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पक्ष में सम्मिलित होने का निर्णय लिया है । वहां कलाकारों को वहां स्वतंत्रता दी जाती है !’, भाजपा त्यागने के उपरांत राजसेनन ने ऐसी प्रतिक्रिया दी ।
३. चलचित्र अभिनेता भीमन रघु ने भी भाजपा से त्याग पत्र देने के संकेत दे दिए हैं ।
भाजपा में जो कलाकार सम्मिलित हुए उन्हें चलचित्र उद्योग में बहिष्कार का सामना करना पडा – भाजपा !इन घटनाओंॱ पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रवक्ता नारायणन नंबूदरी ने कहा, ‘अली अकबर गत कुछ समय से पक्ष में सक्रिय नहीं हैं । पक्ष छोडने का उनका निर्णय व्यक्तिगत है । एक कलाकार के रूप में अपने निर्णय लेने के लिए वे स्वतंत्र हैं । हम नहीं समझ पाए कि राजसेनन को पक्ष से क्या अपेक्षा थी । भाजपा में सम्मिलित होने वाले कलाकारों को केरल चलचित्र उद्योग में बहिष्कार का सामना करना पड रहा था । पक्ष में सम्मिलित होने के उपरांत राजसेनन ने इस बिंदु को सामने लाया था, साथ ही, सुरेश गोपी के भाजपा में सम्मिलित होने पर उनके चलचित्र के विरुद्ध भी अभियान चलाया गया था ! (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, साथ ही व्यक्तिगत स्वतंत्रता के नाम पर घडियाली आंसू बहाने वाले इस विषय पर क्यों नहीं बोलते । ध्यान रहे कि मलयालम चलचित्र उद्योग पर साम्यवादी पकड के कारण भाजपा में सम्मिलित होने वाले कलाकारों का बहिष्कार किया जाता है ! – संपादक ) |