उत्तराखंड में हिन्दू महापंचायत को प्रशासन से नहीं मिली अनुमति !
उत्तराखंड में भाजपा की सरकार होते हुए भी इसप्रकार अनुमति न मिलना, हिन्दुओं को नहीं अपेक्षित !
उत्तराखंड में भाजपा की सरकार होते हुए भी इसप्रकार अनुमति न मिलना, हिन्दुओं को नहीं अपेक्षित !
हम अहिंसा का सम्मान करते है, परन्तु हाथ में लाठी लेकर ही अहिंसा का सम्मान किया जाएगा ! – सरसंघचालक
राष्ट्रध्वज को जलाकर, फाडकर अथवा किसी अन्य प्रकार से उसका अनादर करनेवाले धर्मांध ही होते हैं, यह एक कडवा सत्य है । राष्ट्रप्रेमियों को लगता है कि ऐसी राष्ट्रद्रोही विकृति के विरुद्ध समय पर ही कठोर कार्रवाई करनी चाहिए !
उधम सिंहनगर के रुद्रपुर स्थित उत्तराखंड पुलिस की ४६ वीं बटालियन के अधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए ‘सुखी जीवन हेतु तनावमुक्ति’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था । इस कार्यशाला को संबोधित करते समय सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी बोल रहे थे ।
आश्रम में नमाजपठन की अनुमति देनेवाले चिदानंद मुनि कोने चिंतन करना चाहिए, कि ‘क्या हिन्दू मस्जिद अथवा मदरेसा में आरती कर सकते हैं ?’
मुख्यमंत्री धामी का स्तुत्य निर्णय ! भाजपा शासित सभी राज्य यह निर्णय लें, सारे हिन्दुओं ऐसी की अपेक्षा है ।
यह समिति हमें कानून का प्रारूप बनाकर देगी तथा उसके पश्चात हम यह कानून राज्य में कार्यान्वित करेंगे, उत्तराखंड के भाजपा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंग धामी ने ऐसा वक्तव्य दिया ।
अब केंद्र की भाजपा सरकार को देश भर के सरकारीकरण हुए मंदिर को सरकार से मुक्त करके उन्हे भक्तों के अधिकार में देना चाहिए, ऐसी हिन्दुओं की अपेक्षा है !
उच्चतम न्यायालय ने दिसंबर में, हरिद्वार में आयोजित संतों की धर्म संसद में कट्टरपंथियों के विरोध में किए गए कथित विवादित बयानों को लेकर उत्तराखंड सरकार को कानूनी सूचना जारी की है ।
अपने ही दल के पदाधिकारी से मारपीट करनेवाले कार्यकर्ताेंवाला दल क्या कभी कानून का राज्य दे सकेगा ?