उत्तराखंड राज्य में १०० से अधिक अवैध मस्जिदों एवं मदरसों का निर्माण !

  • सरकारी भूमि हडप ली !

  • स्थानीय प्रशासन द्वारा अनदेखी !

सहसपुर क्षेत्र में स्थित अवैध मदरसा

देहरादून (उत्तराखंड) – सामने आया है कि राज्य में १०० से अधिक अवैध मस्जिदें निर्माण की गई हैं । यहां के सहसपुर क्षेत्र में स्थित मदरसा अवैध होने का समाचार हाल ही में स्थानीय प्रसारमाध्यमों द्वारा प्रसिद्ध होने के उपरांत अब एक के बाद एक इस प्रकार १०० से अधिक अवैध मस्जिदें निर्माण किए जाने के समाचार ‘पांचजन्य’ नामक नियतकालिक द्वारा प्रकाशित किए गए हैं । खास बात यह है कि २० सितंबर २००९ को सर्वाेच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि ‘किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माणकार्य अथवा उसकी दुरुस्ती करने से पूर्व स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेना अनिवार्य है ।’ तथापि देखा गया है कि इस आदेश का उल्लंघन किया गया है ।

१. उत्तराखंड राज्य के पछुवा क्षेत्र में अनेक मदरसों का रूपांतरण बडे भवनों में किया गया है, साथ ही उनके परिसर में मस्जिदों का निर्माणकार्य हो रहा है । इसके लिए सरकार द्वारा आवश्यक मानचित्र सम्मत कर नहीं लिए गए ।

२. देहरादून के निकट ‘शिमला बायपास रोड’ पर १०० से अधिक मस्जिदें सरकार की अनुमति बिना ही निर्माण की गई हैं । इसके लिए सरकार की भूमि हडप ली गई है ।

३. एक मस्जिद नदीपात्र के निकट निर्माण की गई है । यह भूमि वन विभाग के नदी क्षेत्र की है ।

४. राजधानी देहरादून से पोंटासहिब जाते समय मुख्य रास्ते पर सेलाकोई क्षेत्र में करोडों रुपए खर्च कर एक बडे मदरसे का निर्माण बिना अनुमति किया जा रहा है । इस मदरसे के परिसर में मस्जिद का निर्माणकार्य हो रहा है ।

५. इसी तरह राज्य के सेलाकोई क्षेत्र के जमनपुर में किसी प्रकार की अनुमति बिना एक मदरसा एवं मस्जिद का निर्माणकार्य हुआ है ।

६. इतने ऊंचे भवनों का निर्माण होते हुए भी स्थानीय प्रशासन एवं ‘मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण’ इसकी ओर अनदेखी क्यों कर रहा है ?, ऐसा प्रश्न उठ रहा है । स्थानीय नागरिक पूछ रहे हैं, क्या इसके पीछे राजनीतिक दबाव है ?

७. अन्यथा कहा जाता है कि सामान्य नागरिकों के घर के बाहर एक ईंट का निर्माणकार्य करने के लिए भी अनुमति की आवश्यकता रहती है । तो फिर इतने बडे मदरसे, मस्जिदें एवं मजारें शांति से क्यों निर्मित की जा रही हैं ?, ऐसा प्रश्न नागरिकों द्वारा उपस्थित किया जा रहा है । (३०.४.२०२३)

सभी मदरसों एवं मस्जिदों को नोटिस भेजी गई है ! – विकास प्राधिकरण

‘मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण’ के प्रमुख बंशीधर तिवारी को जब इस संदर्भ में पूछा गया, तब उन्होंने कहा कि ये प्रकरण हमारे विभाग में आए हैं एवं सभी को नोटिस भेजी गई है । इन प्रकरणों की अनदेखी करनेवाले संबंधित अधिकारियों से इसका उत्तर देने के भी आदेश दिए गए हैं ।

संपादकीय भूमिका 

  • इससे हिन्दुओं के पवित्र धार्मिक स्थलों का इस्लामीकरण करने का धर्मांधों का षड्यंत्र उजागर होता है ! हिन्दुओं को आस्थाकेंद्रों की रक्षा के लिए अब तो नींद से जागकर संगठित होना चाहिए !
  • इतनी बडी मात्रा में अवैध निर्माणकार्य हो रहा था, तब क्या प्रशासन सो रहा था ? या फिर संबंधितों की ‘अर्थ’पूर्ण मिलीभगत है ? इसकी जांच कर सरकार को जो सत्य है, वही जनता के सामने प्रस्तुत करना होगा एवं संबंधित उत्तरदायी अधिकारियों को आजन्म कारागृह में कैद करें ।
  • भाजपा के राज में ऐसा होना हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं है । सरकार को इन अतिक्रमणों पर, साथ ही वह करनेवालों पर तत्काल कडी कार्रवाई करनी चाहिए, ऐसी हिन्दुओं की अपेक्षा है !