कोरोना टीकाकरण अभियान समाप्त होने के पश्चात लागू होगा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम ! – केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह

कोरोना टीकाकरण अभियान समाप्त होते ही नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) लागू किया जाएगा, ऐसी घोषणा केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह ने की है । बंगाल की विधानसभा के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने अमित शाह से भेंट की ।

हिन्दुओं के विरोध के पश्चात चलचित्र ‘सत्यनारायण की कथा’ का नाम बदलकर किया ‘सत्यप्रेम की कथा’!

हिन्दुओं के संगठन की विजय ! यह प्रशंसनीय है कि हिन्दू अब जागृत होकर देवी-देवताओं के अपमान के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं । इस प्रकार यदि सर्वत्र के हिन्दू जाग गए तो हिन्दू धर्म, देवी-देवताओं, धर्मग्रंथ, संत, राष्ट्रपुरुष आदि का अपमान करने का दुस्साहस कोई नहीं करेगा !

दिल्ली न्यायालय की निलंबित महिला न्यायाधीश और उनके पति के विरोध में अपराध प्रविष्ट

जहां भ्रष्टाचार न हो, ऐसा एक भी क्षेत्र शेष है क्या ? यह स्थिति हिन्दु राष्ट्र अपरिहार्य करती है !

सांसद संजय राउत की बंदी को लेकर संसद में विपक्षियोेंं की ओर से हो-हल्ला

विरोधियोेंं ने भाजपा सरकार पर केंद्रीय अन्वेषण तंत्रों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है ।

पी.एफ्.आई. के ३ लाख बैंक खातों में इस्लामी देशों से आते हैं प्रति वर्ष ५०० करोड रुपये !

एक इस्लामी संगठन को इतना धन मिलता है, तो अन्य इस्लामी संगठन, मदरसे, मस्जिदों आदि को कितना धन मिलता होगा, यह कल्पना के परे है !

ईश्वर ने हमें स्वतंत्रता की ७५वीं वर्षगांठ का साक्षी होने का सौभाग्य दिया है ! – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भारत की स्वतंत्रता को ७५ वर्ष पूर्ण होनेवाले हैं । हम सभी इस अद्भुत और ऐतिहासिक क्षण के साक्षी होने जा रहे हैं । भगवान ने हमें बहुत बड़ा भाग्य दिया है । यदि  हम नें दासत्व के समय जन्म लिया होता तो यह दिन हमारे लिए कैसा होता इसकी कल्पना करना भी कठिन है ।

धर्मांध ‘पी.एफ.आई.’ का पिछडे वर्ग को साथ लेकर इस्लामी राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र !

‘पी.एफ.आई. के द्वारा देशविघातक गतिविधियां चलाए जाने के असंख्य प्रमाण सामने आते हुए भी सरकार उस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती ?’, यह प्रश्न राष्ट्रप्रेमियों के मन में है !

हिन्दू होना क्या लज्जाजनक (शर्म की) बात है ?

एक प्रसिद्ध हिन्दू शास्त्रज्ञ को ऐसा प्रश्न करना पड रहा है, इससे धर्मनिरपेक्ष भारत में हिन्दुओं की भयावह स्थिति ध्यान में आती है !

सनातन संस्था द्वारा संपूर्ण देश में १५३ स्थानों पर ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ संपन्न !

माया के भवसागर से शिष्य और भक्त को धीरे से बाहर निकालनेवाले, उनसे आवश्यक साधना करवानेवाले और कठिन समय में उन्हें निरपेक्ष प्रेम का आधार देकर संकटमुक्त करानेवाले गुरु ही होते हैं । ऐसे परमपूजनीय गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन होता है ‘गुरुपूर्णिमा’ !