नई देहली – कोरोना टीकाकरण अभियान समाप्त होते ही नागरिकता नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) लागू किया जाएगा, ऐसी घोषणा केंद्रिय गृहमंत्री अमित शाह ने की है । बंगाल की विधानसभा के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने अमित शाह से भेंट की । तब उन्होंने बताया कि शाह ने अधिकारी को यह आश्वासन दिया था । ११ दिसंबर २०१९ के दिन संसद में सीएए पारित किया गया और दूसरे दिन अधिसूचना जारी की गई । केंद्र सरकार ने अब तक अधिनियम के लिए नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया है । भले ही कई विपक्षी दल सीएए का विरोध कर रहे हों, परंतु अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इसे लागू करेंगे ।
Will implement #CAA once #COVID19 vaccination drive is over: #AmitShah https://t.co/vx7gTvRxeQ
— DNA (@dna) August 2, 2022
क्या है नागरिकता अधिनियम (CAA) ?
धार्मिक उत्पीडन से त्रस्त अफगानिस्तान, पाकिस्तान तथा बांग्लादेश से ३१ दिसंबर २०१४ तक भारत में आए हुए हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध अप्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी, ऐसा प्रावधान नागरिकता (संशोधन) अधिनियम में किया गया है । इससे श्रीलंका के तमिलों, म्यानमार के मुसलमानों और पाकिस्तान के मुसलमानों के अन्य समुदायों के लोगों को इस अधिनियम का लाभ नहीं मिलेगा ।