बाजार में जाली नोटों का बोलबाला (फैले) !

दो सहस्र रुपए के नोटों के विषय में केंद्र सरकार की ओर से खतरे की चेतावनी

नई दिल्ली – यदि आपके पास २ सहस्र रुपए के नोट हैं तो सावधान हो जाएं । २ सहस्र रुपए का नोट सही है या गलत यह जांच लें । जाली नोटों के आंकडे बताते हुए मोदी सरकार ने यह आवाहन किया है । वर्ष २०१८ से २०२० की कालावधि में जाली नोटों का प्रमाण बढा है । ‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो’ (एन.सी.आर.बी.) द्वारा दिए आंकडों के अनुसार वर्ष २०१८ से २०२० की कालावधि में जप्त किए नोटों की संख्या बढी है ।

वित्तराज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में जाली नोटों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी दी ।

वर्ष २ सहस्र रुपए के जप्त किए गए जाली नोट
२०१६ २ सहस्र   २७२
२०१७ ७४ सहस्र ८९८
२०१८ ५४ सहस्र ७७६
२०१९ ९० सहस्र ५५६
२०२० २ लाख ४४ सहस्र ८३४

देश में जाली नोटों का प्रमाण बढा ! – भारतीय रिजर्व बैंक

मई माह में रिजर्व बैंक द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में देश में जाली नोटों का प्रमाण बढने के आंकडे दिए है । ‘२०२१-२०२२ में जाली नोटों का प्रमाण बढा है । ५०० रुपए के जाली नोट का प्रमाण लगभग १०१.९ प्रतिशत बढा है तथा २ सहस्र रुपए के नोटों का प्रमाण ५४.१६ प्रतिशत  बढा है’ ऐसा आर.बी.आई. ने रिपोर्ट में कहा है ।

३१ मार्च २०२२ तक चलन में होने वाले ५०० और २००० रुपए के नोटों का प्रमाण ८७.१ प्रतिशत था । ३१ मार्च २०२२ तक ५०० रुपए के नोटों का प्रमाण सबसे अधिक था । इसके उपरांत १० रुपए के नोटों का नंबर आता है । बाजार में चल रहे कुछ रुपयों में १० रुपए के नोटों का प्रमाण २१.३ प्रतिशत है ।

संपादकीय भूमिका

  • इतनी बडी मात्रा में जाली नोट चलन में आने तक प्रशासकीय तंत्र क्या कर रहे थे ?
  • प्रशासन ने ऐसे आंकडे न बताकर इसके लिए जो उत्तरदायी हैं उन पर क्या कार्यवाही की, यह भी बताना चाहिए !