हिन्दुओं को विचार करने पर विवश करनेवाला मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का निर्णय !

एक औषधीय प्रतिष्ठान ने नवरात्रोत्सव काल में हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाला विज्ञापन प्रसारित किया था । उसे देखकर एक धर्मप्रेमी ने पुलिस में परिवाद प्रविष्ट किया । इस संदर्भ में हुई न्यायालयीन प्रक्रिया के विश्लेषण से संबंधित लेख यहां दे रहे हैं ।

क्या हम वास्तव में ‘लोकतांत्रिक’ हैं ?

आज भारत का ७२ वां गणतंत्र दिवस ! इस उपलक्ष्य में हमें कुछ मूलभूत बातों की समीक्षा करनी चाहिए, जिससे क्या हम सचमुच लोकतांत्रिक भारत में रह रहे हैं ?, इसका हमें उत्तर मिलेगा ।

अनुशासनहीनता का शतक किया पार !

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ‘भारत जोडो’ यात्रा के माध्यम से देशभर मार्गक्रमण कर रहे हैं । अतिमहनीय व्यक्ति होने से उनके लिए उस स्तर की सुरक्षाव्यवस्था होनी ही है !

देहली के हिन्दू पुजारियों की दयनीय स्थिति दिखानेवाला चलचित्र प्रदर्शित

बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में उनके पुजारियों पर ऐसी विकट स्थिति आना और उसपर प्रकाश डालने के लिए वृत्तचित्र निकालना पडे, यह हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद !

कश्मीर से विस्थापित हुए हिन्दुओं की दयनीय स्थिति !

एक समय में करोडों की संपत्ति रखनेवाले इन परिवारों पर अब विस्थापितों के शिविरों में जीवन व्यतीत करने की स्थिति आ गई है । लगभग ३.५ लाख कश्मीरी पंडित देहली और जम्मू के शिविरों में आज भी सड रहे हैं ।

कानपुर के एक निजी विद्यालय में हिन्दू छात्रों को इस्लामी ´कलमा´ पढ़ाया जा रहा है !

यदि भगवद् गीता का कोई श्लोक कभी किसी विद्यालय में मुसलमान या ईसाई छात्रों को पढ़ाया जाए या सुनाने के लिए कहा जाए, तो क्या वे कभी उसका पठन करेंगे ?

हिन्दू होना क्या लज्जाजनक (शर्म की) बात है ?

एक प्रसिद्ध हिन्दू शास्त्रज्ञ को ऐसा प्रश्न करना पड रहा है, इससे धर्मनिरपेक्ष भारत में हिन्दुओं की भयावह स्थिति ध्यान में आती है !

मध्यप्रदेश में हिन्दू छात्र की दो भागों में कटी मृतदेह मिली

‘सर तन से जुदा’ ऐसा संदेश मिलने से इस घटना के पीछे धर्मांध मुसलमान होने की शंका नकार नहीं सकते ! इससे बहुसंख्य हिन्दुओं के देश में हिन्दुओं का ही जीवन अधिकाधिक असुरक्षित होने का यह निर्देश है !

मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिन्दू हूं और हिन्दू होना ही मेरा खरा परिचय है !

भारत के कितने राजनेता ऐसा कहने का साहस जुटा पाते हैं ?

वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनावों के पूर्व केंद्रशासन सर्व हिन्दूविरोधी कानून रहित करे ! – पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैन, सर्वाेच्च न्यायालय

देश में कृषि कानून, नागरिकत्व सुधार कनून के विरोध में आंदोलन हो सकता है, तो हिन्दुत्व के लिए आंदोलन क्यों नहीं हो सकता ? हिन्दुत्व के लिए देश को हिलाकर रख देना चाहिए । अब हिन्दुओं को यह दिखा देना चाहिए, ‘हिन्दूहित का लिए काम करनेवाले ही देश पर राज्य कर सकेंगे !