नई देहली – ‘इक्वल राईट्स फॉर हिंदूज’(‘इ.आर्.एफ्.एच्.’) द्वारा निर्मित राजधानी देहली के हिन्दू पुजारियों की दयनीय स्थिति दिखानेवाला वृत्तचित्र यहां एक कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया । इस वृत्तचित्र में हिन्दू पुजारियों को जिन मुकदमों और संकटों का सामना करना पडता है उसे दिखाया गया है । इसमें दिखाया गया है कि किस प्रकार कोविड महामारी के काल में मंदिर बंद होने से और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी प्रतिबंध लगने से पुजारियों के संकट और बढ गए । इस वृत्तचित्र में हिन्दू पुजारियों को हिन्दू समाज और सरकार द्वारा किस प्रकार दुर्लक्ष किया जा रहा है, इसपर भी प्रकाश डाला गया है । जिस प्रकार मुसलमान इमाम को मानदेय दिया जाता है, उसी प्रकार हिन्दू पुजारियों को भी २५ हजार रूपए मासिक मानदेय देने की विनती भी इस वृत्तचित्र के माध्यम से सरकार से की गई है ।
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इस वृत्तचित्र के विशेष प्रसारण के उपरांत ‘इ.आर्.एफ्.एच्.’के संस्थापक और केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व-अंतरिम निदेशक एम्. नागेश्वर राव ने ‘हिन्दुओं के लिए समान अधिकार’ अभियान के पीछे की संकल्पना बताई और किस प्रकार संविधान के २५ से ३० कलमों के अंतर्गत हिन्दुओं को समान अधिकार से कैसे वंचित रखा गया है, इस विषय में भी उन्होंने बताया । इस कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि, प्रख्यात विद्वान और भाषाविद प्रा. कपिल कपूर ने अपने भाषण में बताया कि, इस्लामी आक्रमणकारियों द्वारा भारत पर जब क्रूर आक्रमण हो रहे थे तब हिन्दू धर्मगुरुओं ने और पुरोहितों ने हिन्दू धर्म और संस्कृति को कैसे संजोकर रखा ।
संपादकीय भूमिकाबहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में उनके पुजारियों पर ऐसी विकट स्थिति आना और उसपर प्रकाश डालने के लिए वृत्तचित्र निकालना पडे, यह हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद ! |