सरकारी खर्च से मदरसों को अनुदान दिए जाने वाली योजनाओं की जानकारी दें !

भारत में कुछ योजनाओं के अंतर्गत मदरसों को सहायता के रूप में अनुदान दिया जाता है । ऐसी योजनाओं की जानकारी देने का आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार को दिया है ।

भारतीय दंड संहिता तथा ‘श्री ४२०’ !

राष्ट्रीयता को आधारभूत मानकर कानून एवं न्यायव्यवस्था में परिवर्तन लाना तो आवश्यक है ही; परंतु उसके साथ ही ‘जूता जापानी, पतलून इंग्लिस्तानी’ गीत में तो ठीक हैं; तथापि न्यायव्यवस्था में वेशभूषा एवं हृदय, दोनों भारतीय संस्कृति के अनुसार हों, तो न्यायव्यवस्था की स्थिति में सुधार आएगा !

नाबालिग बेटी से बार-बार बलात्कार करनेवाले पिता को आजन्म कारावास का दंड !

दोषी पिता को उनके जीवन के अंतिम सांस तक कारागृह में रहकर प्रतिक्षण पाप का प्रायश्चित्त करना पडेगा । उन्हें देखकर भविष्य में कोई पिता अपनी बेटी की ओर बुरी नजर से देखने का साहस नहीं करेगा ।

पत्थरबाजी करनेवाले आरोपियों को लाठी से मारना उत्पीडन न माना जाए !

गुजरात के खेडा जिले में पिछले वर्ष कुछ मुसलमानों को पत्थरबाजी करने के आरोप में पकडकर उनके पार्श्वभाग पर लाठी से मारा गया था ।

बाटला हाऊस मुठभेड प्रकरण के आतंकवादी को फांसी का दंड जन्मठेप में परावर्तित !

‘जिहादी आतंकवादियों को फांसी का दंड होना आवश्यक है’, ऐसे ही प्रत्येक राष्ट्राभिमानी को लगेगा, इसमें शंका नहीं !

बिना किसी कारण व्यक्ति को ३० मिनट कोठरी में बंद करनेवाला पुलिसकर्मी ५० सहस्र रुपयों से दंडित !

देहली उच्च न्यायालय का अभिनंदन ! अपेक्षा है कि न्यायालय यदि ऐसा ही तथा इससे भी अधिक कठोर दंड उद्दंड पुलिसकर्मियों को करेगा, तो ही उनमें कुछ तो परिवर्तन आएगा !

‘सप्तपदी’ तथा अन्य विधियां न हो, तो हिन्दू विवाह अवैध ! – अलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court)

एक पारिवारिक समस्या की सुनवाई के समय उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने यह सूत्र प्रस्तुत किया ।

तारा सहदेव ‘लव जिहाद’ की घटना में रकीबुल हसन को आजीवन कारावास का दंड

‘यदि लव जिहाद’ समान गंभीर घटना में ८ वर्षों के पश्चात न्याय प्राप्त हुआ, तो आतंकवादियों पर अंकुश कैसे रहेगा ?’, ऐसा प्रश्न किसी के भी मन में उपस्थित हो सकता है  !

साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकूर स्वयंपर हुए अत्याचारों का कथन करते समय हुई भावुक !

वर्तमान में हिन्दू साधु-संतों पर हुए आत्यंतिक अत्याचारों का धधकता उदाहरण है, साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकूर ! हिन्दूद्वेषी कांग्रेस ही इन अत्याचारों की सूत्रधार है, अतः हिन्दू उसे कभी भूल नहीं सकते तथा क्षमा भी नहीं कर सकते !

यदि आप प्रार्थना करना चाहते हैं, तो मस्जिद में जाएं !

लोगों का यह भी मानना है कि बिना अनुमति के सडकों एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ कर नागरिकों के लिए बाधा उत्पन्न करने पर भी न्यायालय को आदेश पारित करना चाहिए !