पुडुचेरी भाजपा के २ विधायकों द्वारा हडपी मंदिर की भूमि वापस करें !

हिन्दुओं के मंदिरों की भूमि ईसाई जनप्रतिनिधि हडपते हैं, यह ध्यान में लें ! ऐसों पर तत्काल अपराध प्रविष्ट कर उन्हें कारागार में डालना आवश्यक है !

इस्लामी देश इंडोनेशिया में सुअर का मांस खानेवाली हिन्दू महिला को २ वर्षों का कारावास !

हिन्दू-बहुल भारत में गोमांस खानेवालों को ऐसा दंड कब होगा ?

मणिपुर में भीड द्वारा २ पुलिस थाने और न्यायालय पर आक्रमण 

इस समय सुरक्षाबलों ने उन पर आंसू गैस के गोले छोडे । जिसमें १० से अधिक लोग घायल हुए ।

छत्तीसगढ के भाजपा के भूतपूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमण सिंह एवं प्रवक्ता संबित पात्रा के विरोध में अपराध निरस्त करें !

छत्तीसगढ उच्च न्यायालय ने राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता डॉ. रमण सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के विरोध में प्रविष्ट किया अपराध निरस्त करने का आदेश दिया है।

सुनवाई के समय गुजरात उच्च न्यायालय ने दिया स्कंद पुराण का संदर्भ  !

गुजरात उच्च न्यायालय ने एक घटना की सुनवाई करते समय स्कंद पुराण का संदर्भ दिया । अल्पायु लडकी का बलात्कार होने के पश्चात वह गर्भवती हो गई । उसके माता-पिता उसका गर्भपात करवाना चाहते थे ।

मथुरा के बांकेबिहारी मंदिर की हडप ली गई भूमि लौटाने का उच्च न्यायालय का प्रशासन को आदेश

ऐसा आदेश क्यों देना पडता है ? प्रशासन यह भूमि स्वयं ही अपने नियंत्रण में क्यों नहीं लेती ?

क्रांतिकाऱी भगतसिंह के दंड के प्रकरण की पुन: सुनवाई करने के लिए लाहौर उच्च न्ययालय का नकार

वर्ष २०१३ में लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की गई थी जिसमें क्रांतिकारी भगतसिंह को वर्ष १९३१ में दी फांसी के दंड के प्रकरण पर पुन: सुनवाई की मांग के साथ ही भगतसिंह को मरणोत्तर राष्ट्रीय पुरस्कार देने की मांग भी की गई थी ।

सनातन धर्म शाश्वत कर्तव्यों का समुच्चय है, इसलिए इसे नष्ट करने का अर्थ कर्तव्यों को नष्ट करना है !

सनातन धर्म शाश्वत कर्तव्यों का समूह है । इसमें देश, राजा, माता, पिता एवं गुरु के प्रति कर्तव्य के साथ-साथ निर्धन सेवा सहित अन्य कर्तव्य भी समाहित हैं । अत: सनातन धर्म का विनाश करना अर्थात कर्तव्यों का विनाश, मद्रास उच्च न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ऐसा विचार व्यक्त किया है ।

न्यासियों के वंशानुगत अधिकार वाले परिवार के किसी भी सदस्य की नियुक्ति ‘कर्मचारी’ के रूप में की जा सकती है ! – उच्च न्यायालय

कुछ दिन पूर्व केरल के उच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए कहा, ‘वंशपरंपरा अंतर्गत न्यासी अथवा न्यासीपद के वंश वाले परिवार के सदस्य को मंदिर में कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है; परंतु उनको नौकरी के लिए निवेदन देने से पूर्व न्यासीपद का दावा छोड देना होगा ।’ 

माथे पर तिलक लगाने, कलाई पर लाल धागा बांधने आदि से विद्यार्थियों को नहीं रोका जाएगा ! – मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की स्पष्टोक्ति 

इस समय न्यायालय ने असफा शेख, अनस अतहर और रुस्तम अली, इन विद्यालय व्यवस्थापकों को ५० रुपए के व्यक्तिगत प्रतिज्ञापत्र पर सशर्त जमानत दी ।