बरेली (उत्तर प्रदेश) में हिन्दूबहुतल क्षेत्र में मुहर्रम का ताजिया ले जाने में बाधा आने से हिन्दुओं ने पुराने पीपल वृक्ष की शाखा काट दी !

३२ वर्षाें से इस समस्या के कारण होता था विवाद !

(ताजिया का अर्थ है मोहम्मद पैगंबर के उपरांत के एक धार्मिक नेता इमाम हुसैन की समाधि की प्रतिकृति ! उसे अनेक प्रकारों में तथा आकारों में बनाई जाती है ।)

बरेली (उत्तर प्रदेश) – यहां के हिन्दुबहुल क्षेत्र से पिछले ३२ वर्षाें से मुसलमानों के मुहर्रम त्योहार के समय शोभायात्रा निकाली जाती है । उसमें ऊंचा ताजिया ले जाया जाता है । उसकी ऊंचाई के कारण मार्ग में पुराने पीपल वृक्ष की शाखा बाधा बन रही थी, जिससे वहां विवाद भी होते थे । ताजिया ले जाने हेतु प्रतिवर्ष यहां ३० फीट लंबा तता ४ फीट गहरा गढ्ढा खोदकर शोभायात्रा आगे बढती थी । इसे देखते हुए इस वर्ष हिन्दुओं ने बाधा बन रही पीपल की शाखा काट डाली ।

१. इस समस्या के समाधान हेतु पहले स्थानीय पार्षद अनीस सकलैनी तथा भाजपा पदाधिकारी संजीव मिश्रा में बातचीत हुई, उसके उपरांत हिन्दुओं की सहमति से इस पीपल वृक्ष की शाखा काट दी गई । जहां से ताजिया ले जाया जाता था, वह मार्ग संकरा था, तब भी मुसलमान इसी मार्ग से ताजिया ले जाने का जानबूझकर हठ कर रहे थे । उसके कारण होनेवाले तनाव के कारण वृक्ष की शाखा तोडी गई ।

२. एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि पीपल का यह वृक्ष २५० वर्ष पुराना है । उसे लगकर ही एक मंदिर है । इससे पूर्व यहां कोई समस्या नहीं थी; परंतु सडक के नवीनीकरण के कारण सडक की ऊंचाई बढने से ताजिया ले जाते समय पीपल के वृक्ष की शाखाएं बाधा बनने लगीं ।

३. भाजपा पदाधिकारी संजीव मिश्रा ने कहा कि इस संदर्भ में पुलिस एवं प्रशासन की मध्यस्थता से अनेक बैठके हुईं । यह क्षेत्र ८० प्रतिशत हिन्दूबहुल है । हमने दोनों समुदायों में सर्वसम्मति कराने का प्रयास किया तथा बातचीत के उपरांत शाखा तोडने का निर्णय लिया गया ।

संपादकीय भूमिका 

  • हिन्दुओं की आत्‍मघातक धर्मनिरपेक्षता ! हिन्दूबहुतल क्षेत्र से मुहर्रम का ताजिया कैसे ले जाया जाता है ? मुसलमानबहुल क्षेत्रों से हिन्दुओं की धार्मिक शोभायात्रा ले जाने में सदैव विरोध किया जाता है । वहां मस्जिद के पास हिन्दुओं की शोभायात्राओं पर निश्चित ही आक्रमण होते हैं, तो दूसरी ओर हिन्दू गांधीवादी आत्‍मघातक धर्मनिरपेक्षता दिखाकर पवित्र पुराने पीपल वृक्ष पर आघात करते हैं, यह हिन्दुओं के लिए लज्जाप्रद !
  • दिन में ५ बार मस्जिदों पर लगाए गए भोंपुओं से हिन्दुओं को अजान सुनाई जाती है, जिससे हिन्दुओं को कष्ट होते हुए भी मुसलमान कभी भी स्वयं इन भोंपुओं को नहीं हटाते, इसे ध्यान में लें !