ढाका (बांग्लादेश) – बांगलादेश मुसलमानबहुसंख्य देश होते हुए भी उसे लोकतंत्र देश बनाया गया है; परंतु अब सत्ता परिवर्तन के उपरांत उसे इस्लामी देश करने की दृष्टि से गतिविधियां आरंभ हो गई हैं । देश का संविधान नए से लिखने की मांग हो रही है तभी वर्तमान संविधान में से ‘राष्ट्रवाद’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ शब्द हटाने की मांग की गई है । बांग्लादेश के २ राजनीतिक दलों ने ये शब्द हटाने के प्रस्ताव की आलोचना की है ।
🚨 Big changes are coming to Bangladesh’s constitution! 🤯
Efforts underway to remove the words ‘nationalism’, ‘secular’ and ‘socialism’ from the constitution of Bangladesh
This move is seen as an attempt to make Bangladesh an “Islamic country”. 🌎
It’s a stark contrast to… pic.twitter.com/M8ONw6d64t
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 21, 2025
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा संविधान में सुधार आयोग की नियुक्ति की गई थी । इस समिति ने सरकार को प्रस्तुत किए विवरण (रिपोर्ट) में समता, मानवी प्रतिष्ठा, सामाजिक न्याय की अनुशंसा की गई है । साथ ही संविधान की प्रस्तावना में ‘बहुवचनवाद’ शब्द समाहित कर राष्ट्रवाद, समाजवाद एवं धर्मनिरपेक्षता ये शब्द हटाए जाएं, ऐसा भी कहा है ।
संपादकीय भूमिकाबांग्लादेश में जिहादी अपने संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाकर वहां ‘इस्लामी देश’ आदि शब्द डालने का प्रयास कर रहे हैं । उनकी हिन्दुद्वेषी मानसिकता पिछले कुछ वर्षों से विश्व देख रहा है । इसके विपरित भारत के संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाकर यदि हिन्दू राष्ट्र डाला होता, तो भारत ‘विश्वगुरु’की दिशा में क्रमण करने में पहेला कदम उठा चूका होता ! इससे दोनों मानसिकताओं का भेद ध्यान में आता है ! |