दक्षिण ध्रुव तक बिना किसी बाधा के मार्ग दिखानेवाला सोमनाथ मंदिर !
चुंबकीय प्रभाव के कारण यहां का शिवलिंग हवा में डोलता था । वास्तुकला का यह एक अद्भुत उदाहरण तथा वहां सोना-चांदी का प्रचुर भंडार था ।
चुंबकीय प्रभाव के कारण यहां का शिवलिंग हवा में डोलता था । वास्तुकला का यह एक अद्भुत उदाहरण तथा वहां सोना-चांदी का प्रचुर भंडार था ।
एक ‘त्रुटि’ अर्थात सेकेंड का ३३ सहस्र ७५० वां भाग, यहां से लेकर १ दिन तक की कालगणना, सप्ताह के सात वार, युगों से समय का सबसे बडा भाग, अर्थात ४३२ करोड वर्ष अर्थात एक कल्प तक आदि सबकुछ भास्कराचार्यजी ने विश्व को इस स्थान से प्रदान किया !
धर्मशिक्षा लेनेवाला तथा धर्माचरण करनेवाला हिन्दू व्यक्ति जब स्वबोध कर लेगा, उस समय रामराज्य की (हिन्दू राष्ट्र की) स्थापना करना सहजता से होगा संभव !
मानसिक दासता का सूत्र हमें हमारे दर्शनशास्त्र से लेकर, मानसिक, बौद्धिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक, ऐसे अनेक स्तरों पर चिंतन करना आवश्यक है । यहां प्रधानता से आध्यात्मिक तथा ऐतिहासिक स्तर का चिंतन देखेंगे ।
धर्मकेंद्रित जीवन पद्धति ही भारतीय परंपरा तथा सनातन धर्मपरंपरा को जीवित रखकर मनुष्य को अपने मनुष्य जीवन के ध्येय को प्राप्त कराती है ।
‘धर्मकेंद्रित जीवन’ के विषय में विचारमंथन करते समय धर्मकेंद्रित तथा अर्थकेंद्रित जीवन में क्या भेद है ?, उसका तुलनात्मक अध्ययन करेंगे ।
मुंबई पर जितने भी आतंकी आक्रमण हुए, चाहे वह दाऊद के मेमन गिरोह के द्वारा किया गया बम विस्फोट का आक्रमण हो या १० पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा मुंबई पर किया गया आक्रमण, इन अभियोगों में आरोपियों को दंड तक ले जाने के लिए अथक परिश्रम उठानेवाले अधिवक्ता के रूप में उज्ज्वल निकम की पहचान है ।
धर्मनिरपेक्ष जनता दल के नेता प्रज्वल रेवण्णा पर सैकडों महिलाओं पर यौन अत्याचार करने के आरोप है । ऐसे कांड पुनः न हों; इसलिए प्रज्वल रेवण्णा को कठोर से कठोर दंड मिले, यह जनभावना है !’
हिन्दुओं की आवाज दबानेवाला ‘पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम १९९१’, इस काले कानून को रद्द करने के लिए हिन्दुओं को संगठित होकर केंद्र सरकार से मांग करनी पडेगी ।
वर्तमान समय में सर्वत्र ‘पतंजलि योगपीठ’ द्वारा बनाई गई औषधियों पर प्रतिबंध लगाने के संदर्भ में ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ अर्थात ‘आई.एम.ए.’ के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में प्रविष्ट याचिका तथा न्यायालय के द्वारा उस पर निर्णय देते समय दिए गए वक्तव्यों के विषय में प्रसारमाध्यमों में उल्टी-सीधी चर्चा चल रही है ।