पुजारियों को ‘अर्धनग्न’ कहनेवाले छगन भुजबल को पादरी, मौलवी अथवा मुसलमान महिलाओं के बुरखे पर टिप्पणी करने का साहस है ?
पुजारियों को ‘अर्धनग्न’ कहते हुए उन्हेें नीचा दिखाने का दुस्साहस होता है । मक्का के ‘काबा’के दर्शन लेने के लिए जानेवाले सभी मुसलमान पुरुष ‘पुजारियों समान ही’ कमर के ऊपर वस्त्र नहीं पहनते, उन्हें ‘अर्धनग्न’ कहने का दुस्साहस भुजबल में है क्या ?