सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता से टली आपदा !
नासिक – त्र्यंबकेश्वर में १३ मई को रात ९.४१ बजे स्थानीय मुसलमानों के उर्स के अवसर पर एक जुलूस के समय कुछ मुसलमानों ने उत्तर महाद्वार से श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने की हठधर्मिता की, ये मुसलमान इतने पर ही नहीं रुके, शिवपिंडी पर हरी शाल चढाने के आग्रह पर अड गए। वहां के सतर्क सुरक्षा कर्मियों ने उन मुसलमानों को रोक दिया, इसलिए आगे की आपदा टल गई । इस प्रकरण में श्री त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ट्रस्ट और नासिक के ब्राह्मण महासंघ ने कडा विरोध जताया है और त्र्यंबकेश्वर थाने को संबंधितों के विरुद्ध कडी कार्रवाई करने के लिए निवेदन दिया है।
कठोर दंडात्मक कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए! – महाराष्ट्र मंदिर महासंघ
इस संबंध में महाराष्ट्र मंदिर संघ के संयोजक श्री. सुनील घनवट ने इस जघन्य घटना के संबंध में नासिक के पुलिस अधीक्षक और गृह मंत्री को निवेदन भी सौंपा है। विधानानुसार श्री त्र्यंबकेश्वर मंदिर में दर्शन का अधिकार केवल हिन्दू धर्म के व्यक्तियों को दिया गया है। श्री त्र्यंबकेश्वर में भगवान शिव का स्थान लाखों हिन्दुओं के लिए परम श्रद्धा स्थल है और यह घटना गंभीर है। इस निंद्य कृति के माध्यम से सामाजिक कलह निर्माण करने का सुनियोजित प्रयास किया गया है। तथापि वक्तव्य में मांग की गई है कि इस प्रकरण से संबंधित लोगों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
गत कुछ दिनों से अमरावती, संभाजीनगर, अकोला की घटनाओं पर दृष्टि डालें तो नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर के संबंध में हुई घटना सुनियोजित सामाजिक तनाव बढाने का निंद्य प्रयत्न है एवं कानून व्यवस्था को भंग करने का एक बडा षड्यंत्र हो सकता है। इसलिए इस संबंध में यह मांग की गई है कि यदि बलपूर्वक राज्य में कहीं और ऐसे प्रकरण होते हैं तो तत्काल ध्यान दिया जाए और संबंधितों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए।
संपादकीय भूमिका
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