भारत के शत्रु और उनसे लडने की तैयारी !

‘भारत और पाक के बीच यदि अब कोई भी युद्ध हुआ, तो उसका रूपांतरण परमाणु युद्ध में ही होगा’, यह बात भारतियों को सदैव ध्यान में रखकर उस दृष्टि से निरंतर तैयार रहना चाहिए ।

अमरिकी कांग्रेस सदस्य द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर यात्रा का भारत ने किया निषेध

भारत अंतत: कितने दिन तक ऐसा निषेध करता रहेगा? अब शाब्दिक विरोध करने तक सीमित न रहकर पाक अधिकृत कश्मीर को अपने नियंत्रण में लेने हेतु भारत ठोस कदम उठाए, ऐसा राष्ट्र प्रेमियों को लगता है !

‘भारत मुसलमानों के नरसंहार में सहभागी !’

पाक में, प्रथम ९ प्रतिशत होनेवाले हिन्दू अब १ प्रतिशत ही बचे हैं, तो भारत में उस समय ३ प्रतिशत होनेवाले मुसलमान अब १५ प्रतिशत हुए हैं ; ये डॉ. अल्वी क्यों नहीं बताते ?

१०० वर्ष पूर्व, गुजरात में अंग्रेजों द्वारा किए गए नरसंहार के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को क्षमा मांगनी चाहिए !

केवल इसके लिए ही नहीं, अपितु अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर किए गए भीषण अत्याचार, क्रांतिकारियों की निर्मम हत्या और उनके शासनकाल में हिन्दू संस्कृति को नष्ट करने के लिए किए गए प्रयासों के लिए, अंग्रेजों को भारतीयों से क्षमायाचना करनी चाहिए ।

(कहते हैं) ‘भारत में हिन्दुओं द्वारा मुसलमानों पर आक्रमण !’

पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा भारत के हिंसाचारों की घटनाओं पर आरोप !

‘यदि भारत को छेडा, तो छोडेंगे नहीं’, यह संदेश चीन को पहुंचा है !

पाक जिहादी आतंकवादियों द्वारा कश्मीर में हिन्दुओं को एवं रक्षादलों को लक्ष्य बना रहा है, उसका स्थायी बंदोबस्त करने की भी आवश्यकता है !

कनाडा के खलिस्तानवादी नेता द्वारा भारत सरकार पर मुसलमान विरोधी भावना भडकाने का आरोप !

विदेश में राजकारण करने में सक्रिय होनेवाले ऐसे खलिस्तानवादी नेताओं के विरोध में भारत सरकार को प्रथम पहल करनी चाहिए । खलिस्तानवाद समूल नष्ट करने के लिए प्रथम ऐसे नेताओं पर कारवाई करना आवश्यक !

विविध राष्ट्रप्रमुखों का भारत भ्रमण, उनका अर्थ और उससे देश को मिलनेवाला लाभ !

जापान विविध बातों में भारत की सहायता करने का इच्छुक है । जापान आनेवाले ५ वर्षाें में भारत में ४२ मिलियन डॉलर्स का निवेश कर रहा है । आज के समय में जापान के पास अतिरिक्त पूंजी है । भारत उनका मित्र देश होने से वह हमारी सहायता कर रहा है ।

भविष्य के १५ वर्ष में अखंड भारत दृश्यमान होगा ! – सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत

हम अहिंसा का सम्मान करते है, परन्तु हाथ में लाठी लेकर ही अहिंसा का सम्मान किया जाएगा ! – सरसंघचालक

भारत-नेपाल सीमा के आसपास, मदरसों और मस्जिदों की संख्या में प्रचंड वृद्धि !

केवल आंकडे एकत्र करना ही उपयोगी नहीं है, अपितु यहां की अनधिकृत मस्जिदों और मदरसों के विरोध में तत्काल प्रभावी कार्रवाई करना अनिवार्य है ! ‘इस तरह का अवैध निर्माण होने तक प्रशासन और गुप्तचर विभाग क्या कर रहे थे ?’ ; इस पर भी त्वरित ध्यान देने की आवश्यकता है !