पांच बार भारत आने वाले पाकिस्तानी पत्रकार का रहस्योद्घाटन !
नई दिल्ली : पाकिस्तानी लेखक नुसरत मिर्जा ने अपनी भारत यात्रा के समय एकत्रित की गई जानकारी पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था आई.एस.आई. को दिया, यद्यपि पाकिस्तानी सरकार ने उसका योग्य उपयोग नहीं किया । मिर्जा ने पाकिस्तानी पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक शकील चौधरी के साथ एक साक्षात्कार में यह रहस्योद्घाटन किया।
Pakistani journalist claims he had spied on India during visits, was invited by Hamid Ansari and passed information to Pak Armyhttps://t.co/gnVlXMKKOU
— OpIndia.com (@OpIndia_com) July 11, 2022
मिर्जा ने आगे कहा,
१. अपनी भारत यात्रा के समय मुझे पाकिस्तान सरकार के विदेश मंत्रालय से कई लाभ मिले। वास्तव में, जब आपको भारत जाने के लिए वीजा मिलता है, तो आपको केवल ३ स्थानों की यात्रा करने की अनुमति होती है; लेकिन जब खुर्शीद कसूरी विदेश मंत्री थे,तो मुझे ७ स्थानों पर जाने की अनुमति मिल गई थी ।
२. मैं अनेक बार भारत जा चुका हूं । मुझे भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पत्रिका´मिली गजेट´ के संपादक जफरुल इस्लाम ने आमंत्रित किया था। मैंने ५ बार भारत की यात्रा की । मैंने दिल्ली, पाटलिपुत्र, कोलकाता, बैंगलोर, चेन्नई जैसे नगरों को भेंट दी है । वर्ष २०११ में मैं ´दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग´ के अध्यक्ष के साथ-साथ भारतके ५६ मुसलमानसांसदों से भी मिला । उन्होंने मेरी बहुत सहायता की ।
३. इस भेंट के समय मैंने खुर्शीद को, एकत्रित की गई जानकारी से अवगत कराया । उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को वह जानकारी दी । इसके उपरांत पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने मुझसे और जानकारी एकत्रित करने को कहा ।
४. मैंने भारत की संस्कृति के साथ-साथ भारत की दुर्बलताऒं का भी अध्ययन किया था । साथ ही भारत एक देश के रूप में कैसे कार्य करता है ? भारत में मुसलमान कैसे रहते हैं ? कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन कैसे चलता है ? आदि जानकारी मैंने एकत्रित की थी । अनेक समाचार पत्रो के संपादकों और मालिकों के साथ भी मेरी मैत्री थी ।
५. कुल मिलाकर मैंने आई.एस.आई. को भारत सरकार को घेरने के लिए आवश्यक सब प्रकार कीजानकारी दी थी, यद्यपि पाकिस्तानी नेतृत्व ने इस जानकारी का ठीक से उपयोग नहीं किया ।
संपादकीय भूमिकापाकिस्तान से भारत आने वालों का क्या उद्देश्य है, भारतीयों को अब यह बात समझ आ गई होगी ! यदि ऎसा है तो पाकिस्तानियों को भारत क्यों आने दिया जाय ? अब यह तय करने की नितांत आवश्यकता है ! |