रामराज्य होने पर ही न्याय प्रस्थापित होगा ! – शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्‍वरानंद सरस्वती

रामराज्य’ कहने में जो बात है, वह ‘हिन्दू राष्ट्र’ कहते हुए नहीं आती । हमें हिन्दू राष्ट्र नहीं चाहिए । हमारी इच्छा तो रामराज्य की है । हिन्दू राष्ट्र रावण एवं कंस के भी थे; परंतु प्रजा को कष्ट हुआ । सबसे आदर्श राज्य रामराज्य था ।

हिन्दू राष्ट्र नहीं, अपितु रामराज चाहिए !

हिन्दू राष्ट्र के द्वारा रामराज का ही निर्माण किया जाएगा, इसलिए सर्वप्रथम हिन्दू राष्ट्र लाना आवश्यक है !

भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए तैयार रहें ! – स्वामी धीरेंद्र कृष्णशास्त्रीजी

बागेश्‍वर धाम के स्वामी धीरेंद्र कृष्णशास्त्रीजी १० दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं । वे कर्णावती पहुंच गए हैं । कर्णावती के वटवा में देवकीनंदन महाराजजी की शिवपुराण कथा में वे सहभागी हुए थे ।

(इनकी सुनिए…) ‘हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग भारतविरोधी !’

हिन्दू राष्ट्र की मांग को भारतविरोधी बतानेवाले राजनीतिज्ञ आतंकियों के ‘गजवा-ए-हिन्द’ की (भारत का इस्लामीकरण करने की) नीति के विषय में मुंह नहीं खोलते, यह ध्यान में लें !

माथे पर तिलक एवं घर के बाहर धर्मध्वज लगाने से भारत हिन्दू राष्ट्र की दिशा में अग्रसर होगा !

पंडित धीरेंद्र शास्त्री का हिन्दुओं से आवाहन !

(इनकी सुनिये….) ‘भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे’ ऐसा कहने की क्या आवश्यकता ?’ – बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार

जग में ५२ इस्लामी, १५० से भी अधिक ईसाई राष्ट्र हैं; जबकि १०० करोड हिन्दुओं का एक भी राष्ट्र नहीं । यदि बहुसंख्य हिन्दुओं को ऐसा लग रहा हो कि ‘हमारा हिन्दू राष्ट्र हो’, तो उसमें गलत क्या है ?

जब सनातनी हिन्दू जागृत होकर मत प्रदान करेंगे, तभी ‘हिन्दू राष्ट्र’ आएगा ! – पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री

मैं राजनीतिक नेता नहीं तथा मैं किसी को समर्थन भी नहीं देता । हमें कागद पर नहीं, अपितु हृदय में ‘हिन्दू राष्ट्र’ चाहिए । इससे अपनी संस्कृति सुरक्षित रहेगी ।

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ हेतु धनस्वरूप में अर्पण देकर हिन्दू राष्ट्र के कार्य में सम्मिलित हों !

इस वर्ष १६ से २२ जून २०२३ की समयावधि में रामनाथी, गोवा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ (एकादश अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’) का आयोजन किया गया है । अधिवेशन में भारत, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, सिंगापुर, बैंकॉक, अमेरिका, फिजी, ऑस्ट्रेलिया, हौंगकौंग, इंग्लैंड, मलेशिया आदि देश-विदेशों के प्रतिनिधि सहभागी होनेवाले हैं ।

धर्माधारित हिन्दू राष्ट्र के लिए धर्मशिक्षा और संगठितत प्रयास आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

हमें स्वयं धर्मशिक्षा लेनी होगी और समाज को देनी होगी । यह एक प्रकार से धर्म की स्थापना का अर्थात पुरुषार्थ का कार्य है । ऐसा प्रतिपादन दिल्ली से उज्जैन यात्रा पर आए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया । वे यहां के वेदनगर स्थित आनंद भवन में आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे ।

परमाचार्य डॉ. देवकरण शर्माजी का अमृतत्व की ओर मार्गक्रमण ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

वे सप्तर्षि गुरुकुल के संस्थापक परमाचार्य डॉ. देवकरण शर्मा अर्थात ‘देव’ के अमृत महोत्सव के अंतर्गत कालिदास अकादमी में आयोजित सम्मान एवं अभिनंदन ग्रंथ विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे । इस समय सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा देकर डॉ. देवकरण शर्माजी का सम्मान किया ।