पाटलिपुत्र (बिहार) – जिस दिन सनातनी हिन्दू जागृत होंगे एवं उन्हें उनके मत का अधिकार समझ में आएगा, तभी भारत ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनेगा, बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने ‘फेसबुक लाईव’ के माध्यम से भक्तों से बोलते समय ऐसा वक्तव्य दिया । उन्होंने आगे कहा कि मैं राजनीतिक नेता नहीं तथा मैं किसी को समर्थन भी नहीं देता । हमें कागद पर नहीं, अपितु हृदय में ‘हिन्दू राष्ट्र’ चाहिए । इससे अपनी संस्कृति सुरक्षित रहेगी ।
(सौजन्य : IndiaTV)
(इनकी सुनिए ) ‘धर्मगुरु को ऐसे विषयों पर बोलने का अधिकार नहीं है !’ – जनता दल (संयुक्त)
पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते समय जनता दल (संयुक्त) पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि इस प्रकार के वक्तव्य देना धर्मगुरुओं का काम नहीं है । धर्मगुरुओं को ऐसे विषयों पर बोलने का अधिकार नहीं है । इस प्रकार के वक्तव्य सामाजिक माध्यम से देकर कुछ भी नहीं होगा । ‘हिन्दू राष्ट्र’ के लिए संसद में जाना होगा ।
(इनकी सुनिए) क्या ‘‘हिन्दू राष्ट्र’ संविधान में परिवर्तन करेगा ?’ – राजद
राष्ट्रीय जनता दल के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि भारत संविधान तथा कानून द्वारा चलनेवाला राष्ट्र है । मैं धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री से पूछना चाहता हूं कि क्या वे ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाने हेतु संविधान में परिवर्तन करेंगे ?
संपादकीय भूमिकासंविधान में अभी तक १०० बार सुधार किया गया । आपात्काल में इंदिरा गांधी ने तानाशाही पद्धति से संविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ तथा ‘समाजवादी’ शब्दों को घुसेडा । ऐसी स्थिति में हिन्दुओं ने चुन कर दिए सांसदों ने संविधान में ‘हिन्दू राष्ट्र’ ऐसा सुधार किया, तो उसमें क्या चूक है ? |