धर्म, भक्त एवं देवताओं का हित ध्यान में लेकर मंदिरों का व्यवस्थापन करें !

‘मंदिर सुव्यवस्थापन’ परिसंवाद में न्यासियों की भावना !

अगर हिन्‍दू राष्ट्र के लिए जागृत नहीं हुए तो कल इस्‍लामी राष्‍ट्र में रहना पड़ेगा ! – डॉ. नील माधवदास, संस्‍थापक, तरुण हिन्‍दू

भारत को हिन्‍दू राष्ट्र कैसे घोषित किया जा सकता है, इसपर विचारमंथन तथा रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्‍य से हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा २ तथा ३ दिसंबर को २ दिवसीय ’हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ का आयोजन किया गया ।

२६४ मंदिरों में लागू होगी वस्‍त्र संहिता, महाराष्ट्र के १६ जिलों में होगा ’जिला मंदिर न्‍यास सम्‍मेलन’ !

यहां आयोजित ’महाराष्ट्र मंदिर न्‍यास परिषद’ का समापन ३ दिसंबर को हुआ । ‘महाराष्ट्र मंदिर न्‍यास परिषद’ में समान कृति कार्यक्रम निश्‍चित !

जब तक देह में प्राण हैं, तब तक मठ-मंदिरों तथा सनातन धर्मरक्षा का व्रत लो ! – महंत सुधीरदासजी महाराज, कालाराम मंदिर, नासिक

राज्‍य स्‍तरीय महाराष्ट्र मंदिर-न्‍यास परिषद ओझर (पुणे) में प्रारम्‍भ !  
मंदिरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए राज्‍य भर से ५५० से अधिक श्रद्धालु एकत्रित !

काशी-मथुरा मुक्ति अभियान महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय विषय है ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित कर सकते हैं, इस पर विचारमंथन एवं कृति रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा यहां आयोजित २ दिवसीय ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’का प्रारंभ १८ नवंबर को हुआ ।

सनातन धर्म की रक्षा के लिए जीवनभर ब्रह्मचारी रहने की शपथ लेनेवाले उत्तर प्रदेश के पवन द्विवेदी एवं उनके परिवार को किया गया सम्मानित !

वाराणसी में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की घटना !

सनातन धर्म में चराचर सृष्टि के प्रत्येक जीव के उद्धार का विचार ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

‘सनातन धर्म की सीख तथा अध्यात्म एक ही है । सनातन धर्म में केवल मनुष्य के ही नहीं, अपितु प्रत्येक कण-कण के उद्धार का विचार किया गया है ।

भारत में बहुत शीघ्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी ! – श्रीराम काणे, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति

आज के समय में सनातन धर्म का महत्त्व समस्त विश्व की समझ में आ रहा है । यूरोप-अमेरिका के अनेक लोग स्वयंस्फूर्ति से हिन्दू धर्म स्वीकार कर रहे हैं ।

हिन्दूहित के कार्य करने का वचन देनेवाले राजनीतिक दल तथा प्रामाणिक जनप्रतिनिधियों को लोकसभा चुनाव में समर्थन देने का प्रस्ताव सम्मत !

‘जो हिन्दूहित की केवल बात नहीं, अपितु हिन्दूहित का कार्य करेगा’, इस नीति के अनुसार हिन्दू राष्ट्र तथा हिन्दूहित के सूत्रों पर कार्य करने का वचन देनेवाले राजनीतिक दल तथा प्रामाणिक जनप्रतिनिधियों को ही वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनाव में हिन्दुओं का समर्थन मिलेगा

हम ‘धर्म विजय’ में विश्वास करते हैं ! – प.पू. सरसंघचालक

हमने ‘धन विजय’ एवं ‘असुर विजय’ का अनुभव किया है । धन विजय का अर्थ है; स्थूल वस्तु से मिलने वाला आनंद किंतु उसमें हेतु योग्य नहीं ! यह आत्मकेंद्रित होने समान है ।