धर्म, भक्त एवं देवताओं का हित ध्यान में लेकर मंदिरों का व्यवस्थापन करें !
‘मंदिर सुव्यवस्थापन’ परिसंवाद में न्यासियों की भावना !
‘मंदिर सुव्यवस्थापन’ परिसंवाद में न्यासियों की भावना !
भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित किया जा सकता है, इसपर विचारमंथन तथा रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा २ तथा ३ दिसंबर को २ दिवसीय ’हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का आयोजन किया गया ।
यहां आयोजित ’महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ का समापन ३ दिसंबर को हुआ । ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ में समान कृति कार्यक्रम निश्चित !
राज्य स्तरीय महाराष्ट्र मंदिर-न्यास परिषद ओझर (पुणे) में प्रारम्भ !
मंदिरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए राज्य भर से ५५० से अधिक श्रद्धालु एकत्रित !
भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित कर सकते हैं, इस पर विचारमंथन एवं कृति रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा यहां आयोजित २ दिवसीय ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’का प्रारंभ १८ नवंबर को हुआ ।
वाराणसी में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की घटना !
‘सनातन धर्म की सीख तथा अध्यात्म एक ही है । सनातन धर्म में केवल मनुष्य के ही नहीं, अपितु प्रत्येक कण-कण के उद्धार का विचार किया गया है ।
आज के समय में सनातन धर्म का महत्त्व समस्त विश्व की समझ में आ रहा है । यूरोप-अमेरिका के अनेक लोग स्वयंस्फूर्ति से हिन्दू धर्म स्वीकार कर रहे हैं ।
‘जो हिन्दूहित की केवल बात नहीं, अपितु हिन्दूहित का कार्य करेगा’, इस नीति के अनुसार हिन्दू राष्ट्र तथा हिन्दूहित के सूत्रों पर कार्य करने का वचन देनेवाले राजनीतिक दल तथा प्रामाणिक जनप्रतिनिधियों को ही वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनाव में हिन्दुओं का समर्थन मिलेगा
हमने ‘धन विजय’ एवं ‘असुर विजय’ का अनुभव किया है । धन विजय का अर्थ है; स्थूल वस्तु से मिलने वाला आनंद किंतु उसमें हेतु योग्य नहीं ! यह आत्मकेंद्रित होने समान है ।