वाराणसी में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन संपन्न !
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – जालौन के हिन्दुत्वनिष्ठ श्री. पवन द्विवेदी ने धर्मांधों से मिलनेवाली हत्या की धमकियों की चिंता न कर जीवनभर अविवाहित रहकर धर्म एवं राष्ट्र की सेवा के रूप में गोमाता एवं सनातन धर्म की रक्षा की प्रतिज्ञा ली है । कुछ दिन पूर्व वाराणसी में संपन्न प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने श्री. पवन द्विवेदी तथा उनके परिजनों को भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा एवं भेंटवस्तु देकर सम्मानित किया । इस अवसर पर व्यासपीठ पर पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी तथा सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस उपस्थित थे । इस अधिवेशन में श्री. पवन द्विवेदी के भाई श्री. पुष्पेंद्र, श्री. दीपेंद्र, श्री. शिवम द्विवेदी, साथ ही उनकी माता श्रीमती साधना द्विवेदी तथा पिता श्री. राजेंद्र बहादुर द्विवेदी भी उपस्थित थे । यह परिवार उनके कार्य का संपूर्ण श्रेय भगवान शिव को देता है । राष्ट्र-धर्म के कार्य में सहभागी होने का अवसर मिलने हेतु उन्हें ईश्वर के प्रति बहुत कृतज्ञता प्रतीत होती है ।
इस अवसर पर अपना मनोगत व्यक्त करते हुए श्री. पवन द्विवेदी ने कहा, ‘‘जिन्होंने इस पृथ्वी पर जन्म लिया है, उनकी मृत्यु तो अटल है; परंतु जो मृत्यु के भय से बाहर निकलकर राष्ट्र एवं धर्म के लिए कुछ करता है, वही अमर होता है तथा अन्य सभी नष्ट हो जाते हैं ।’’
श्री. पवन द्विवेदी का परिचय
श्री. पवन द्विवेदी तथा उनका परिवार जालौन जिले के कदौरा शहर में रहते हैं । वहां धर्मांधों का आतंक चरम पर है, उससे वहां गोहत्याएं, हिन्दुओं का शोषण तथा हिन्दुओं पर आक्रमण की घटनाएं निरंतर हो रही हैं । ऐसी स्थिति में श्री. द्विवेदी तथा उनके परिजनों ने हिन्दू धर्म पर हो रहे आक्रमणों के विरुद्ध लडने को जीवन का ध्येय बनाया है । श्री. पवन तथा उनके ३ भाईयों ने चित्रकूट में देवी मंदाकिनी को साक्षी रखकर जीवनभर अविवाहित रहकर धर्म की सेवा करने की शपथ ली । धर्मकार्य करते समय धर्मांधों ने द्विवेदी परिवार के सदस्यों पर अनेक बार आक्रमण किए । इन आक्रमणों से स्वयं की रक्षा करने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पडा ।
श्री. शिवम द्विवेदी (पवन के छोटे भाई) का परिचय
श्री. शिवम अपने परिवार को राष्ट्र एवं धर्म के कार्य के लिए प्रेरित करते हैं । वे स्वयं ‘सॉफ्टवेयर इंजीनियर’ हैैं तथा उन्होंने ‘विप्रो’ जैसे अनेक बडे प्रतिष्ठानों में काम किया है ।
श्री. पवन द्विवेदी द्वारा किया जा रहा संघर्ष तथा उनका विशेषतापूर्ण कार्य१. कदौरा के मध्य में स्थित ८ बीघा तालाब के आसपास धर्मांधों ने अतिक्रमण कर घर बनाए हैं । वे उसी तालाब में गोहत्या कर रहे थे । श्री. द्विवेदी ने इस तालाब की सभी सरकारी अनुमतियां खोजीं तथा उसके उपरांत उन्होंने इस अतिक्रमण के कारण पर्यावरण की हानि हो रही है, यह राष्ट्रीय हरित आयोग को बताया । फलतः आयोग ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया । उसके उपरांत अगस्त २०२१ में धर्मांधों द्वारा तालाब में अवैधरूप से बनाए गए लगभग २५० घर गिराए गए, साथ ही अतिक्रमणकारी एवं नगराध्यक्ष को २.२५ करोड रुपए का आर्थिक दंड भी दिया गया । २. कदौरा शहर के धर्मांधों का १०० प्रतिशत परिसर ईदगाह भंडार की भूमि पर बसा हुआ था । वहां लगभग ७२ धर्मांधों ने २०० से अधिक घर बनाए थे तथा उन्होंने इन घरों को नगरपालिका से वैध प्रमाणित कर लिया था । इसके विरुद्ध न्यायालय में जनहित याचिका प्रविष्ट की गई । ईलाहाबाद उच्च न्यायालय ने धर्मांधों की इस बस्ती को अवैध प्रमाणित कर उसे गिराने का आदेश दिया । आज के समय इस बस्ती को गिराने की प्रक्रिया चल रही है । ३. उत्तर प्रदेश में मांस की लाखों दुकानें बिना अनुमति के चलाई जा रही हैं । सूचना के अधिकार के अंतर्गत उनके विषय में प्रमाण इकट्ठा कर राष्ट्रीय हरित आयोग के पास जनहित याचिका प्रविष्ट की । इस याचिका पर आयोग ने बिना अनुमति के चल रही दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है, साथ ही वहां अनेक अवैध पशुवधगृह भी दिखाई दिए हैं । उन्हें भी बंद कर गिराने के प्रयास चल रहे हैं । |