हिन्दूहित के कार्य करने का वचन देनेवाले राजनीतिक दल तथा प्रामाणिक जनप्रतिनिधियों को लोकसभा चुनाव में समर्थन देने का प्रस्ताव सम्मत !

‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में ५१ संगठनों के २१० हिन्दुत्वनिष्ठों का उत्स्फूर्त सहभाग !

बाएंसे श्री. विश्‍वनाथ कुलकर्णी, बोलते हुए सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी और श्री. चेतन राजहंस

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – ‘जो हिन्दूहित की केवल बात नहीं, अपितु हिन्दूहित का कार्य करेगा’, इस नीति के अनुसार हिन्दू राष्ट्र तथा हिन्दूहित के सूत्रों पर कार्य करने का वचन देनेवाले राजनीतिक दल तथा प्रामाणिक जनप्रतिनिधियों को ही वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनाव में हिन्दुओं का समर्थन मिलेगा, ऐसा प्रस्ताव वाराणसी में ४ एवं ५ नवंबर को आयोजित हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन सर्वसम्मति से पारित हुआ । इस ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में नेपाल एवं भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, देहली, असम एवं बंगाल के ५१ संगठनों के पदाधिकारी, अधिवक्ता, संतजन, मंदिर न्यासी, उद्योगपति आदि २१० से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित थे । ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने पराडकर भवन, वाराणसी में आयोजित ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के समापन की पत्रकार परिषद में दी ।

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने आगे कहा कि इस अधिवेशन में भविष्य में हिन्दूहित के कौनसे सूत्रों पर राजनैतिक दलों के द्वारा कार्य अपेक्षित है, इस पर विस्तृत चर्चासंवाद हुआ । इस चर्चा के आधार पर भारत एवं नेपाल को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने; लव जिहाद, धर्मांतरण एवं गोवंश हत्या के विरुद्ध कठोर कानून बनाने; हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध लगाने; मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त करने; ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ एवं ‘वक्फ’ कानूनों को निरस्त करने; जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने; कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वास आदि विषयों पर हिन्दुत्वनिष्ठों का राजनैतिक दलों के लिए मांगपत्र बनाया गया है । यह मांगपत्र सभी राजनैतिक दलों के समक्ष रखा जाएगा ।

इस अवसर पर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने कहा कि मंदिर संस्कृति रक्षा एवं संवर्धन के लिए १०० से अधिक मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करने का लक्ष्य निश्चित किया गया है । अधिवेशन में मंदिरों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मंदिरों का सरकारी नियंत्रण, मंदिर क्षेत्र में हो रहा भ्रष्टाचार, मंदिरों की परंपराओं में हो रहा सरकारी हस्तक्षेप, इसके विरुद्ध मंदिरों को संगठित करने का तथा मंदिर सुप्रबंधन हेतु एकत्रित कार्य करने का निर्णय हुआ । काशी-मथुरा मंदिर मुक्ति आंदोलन को वैधानिक स्तर पर संघर्ष को संपूर्ण सहायता देने का महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव अधिवेशन में पारित किया गया ।

वाराणसी के हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में प्रस्तुत प्रस्ताव को सहमति देते उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठ !

‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य समन्वयक श्री. विश्वनाथ कुलकर्णी ने कहा कि इस अधिवेशन में समान सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत सभी हिन्दुत्वनिष्ठों के द्वारा सनातन धर्म नष्ट करने के विषय में हेट स्पीच करनेवालों के विरोध में ‘मैं सनातन धर्मरक्षक’ अभियान चलाया जाएगा । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से हिन्दूहित के उपक्रमों को गति प्रदान करने के लिए जिला, राज्य स्तर पर हिन्दू संगठनों का एकत्रीकरण कर ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समितियों’ की स्थापना की जाएगी ।