श्रीविष्णुतत्त्व की अनुभूति देनेवाले कलियुग के दिव्य अवतारी रूप : सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी !
श्रीविष्णुस्वरूप सच्चिदानंद परब्रह्म गुरुदेवजी का जन्मोत्सव तो साधकों के लिए ‘अमृत से भी मधुर’ अनुपम एवं दिव्य पर्व है । इस दिन साधकों के अंतर्मन में भावभक्ति की शीतल धारा प्रवाहित होकर उन्हें आत्मानंद एवं आत्मशांति की अनुभूति होती है । ऐसे इस दैवी पर्व के उपलक्ष्य में श्रीविष्णु स्वरूप गुरुदेवजी की महिमा हम अपने हृदयमंदिर में स्वर्णिम अक्षरों से अंकित कर लेंगे ।