भोपाल (मध्य प्रदेश) – सार्वजनिक स्थानों पर कोई भी हिजाब (मुसलमान महिलाओं द्वारा सिर एवं गर्दन को ढकने के लिए उपयोग किया जानेवाला वस्त्र) धारण करने की आवश्यकता नहीं । महिलाएं घर में ही हिजाब पहनें । जिस परिवार में फुफेरी, मौसेरी एवं सौतेली बहन से विवाह होता है, वहां हिजाब पहनें । ‘विशिष्ट’ समाज में बेटी एवं बहन पर घर में ही बुरी दृष्टि रखी जाती है । वहां महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता । इन महिलाओं को उनके चाचा, मामा, मामा के लडके आदि से धोखा होता है । इसलिए उन्हें घर में ही हिजाब डालने की आवश्यकता है । हिजाब केवल मदरसों तक ही मर्यादित रखना चाहिए । विद्यालय-महाविद्यालयों के नियम तोडे जाना सहन नहीं किया जाएगा, ऐसा विधान भाजपा की सांसद साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर ने किया ।
साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर ने आगे कहा, ‘‘हमारे सनातन धर्म में नारी की पूजा होती है । हिन्दू धर्म में उसे देवीस्वरूप माना जाता है । इसलिए हिन्दू नारी सुरक्षित होती हैं । हमें हिजाब की आवश्यकता नहीं । हिन्दू सनातनी परंपरा मानते हैं । हिन्दू विद्यार्थी गुरुकुल में भगवा वस्त्र पहनकर जाते हैं; परंतु विद्यालय एवं महाविद्यालयों में वे गणवेश (यूनिफॉर्म) ही डालते हैं ।’’ (१८.२.२०२२)