सीबीएसई ने पाठ्यक्रम से इस्लामी साम्राज्य, शीतयुद्ध इत्यादि अध्याय निकाल दिए !
यद्यपि इस परिवर्तन का हम स्वागत करते हैं, तब भी सीबीएसई (CBSE) को एक कदम आगे बढाकर इस्लामी आक्रमकों का क्रूर इतिहास नई पीढी को बताना आवश्यक है ।
यद्यपि इस परिवर्तन का हम स्वागत करते हैं, तब भी सीबीएसई (CBSE) को एक कदम आगे बढाकर इस्लामी आक्रमकों का क्रूर इतिहास नई पीढी को बताना आवश्यक है ।
प्रत्येक नगरपालिका में एक गोशाला होगी !
केंद्र सरकार फॉरेन मेडिकल ग्रैज्यएट लाइसेन्शिएट रेग्युलेशन (एफ्.ए.एम्.जी.एल्.) एक्ट में बदलाव करने पर विचार कर रही है ।
कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि किसी भी शिक्षा संस्था में शिक्षा को धर्म से दूर रखना चाहिए । यहां पढनेवाले विद्यार्थी हिजाब अथवा भगवा उपरना पहनकर न आएं । वे उनके धर्म का पालन करने के लिए विद्यालय में न आएं । विद्यालय ज्ञानमंदिर है तथा यहां शिक्षा ग्रहण करने के उद्देश्य से आना चाहिए ।
आजकल मनोराज्य का अधिक बोल-बाला है । मनुष्य का अंतर्मन समझता है कि उसका ही विचार ठीक है । मनुष्य अपनी वासनाओं के विषयों (रूप, रस, गंध, श्रवण और स्पर्श) एवं ज्ञान का मनोनुकूल भोग चाहता है। ऐसी स्थिति में विविध निर्णयों या क्रिया-कलापों के विषय में वाद-विवादों का होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है ।
तीनों कालों में जिस वस्तु का निषेध (मनाही) नहीं होता है, वह पारमार्थिक कहलाती है । ‘पारमार्थिक’ शब्द का मतलब होता है परमार्थ (परम अर्थ) संबंधी । परम अर्थ का मतलब होता है नाम, रूप आदि से परे, अर्थात संसार के परे ।
विस्मयकारी घटनाओं को समझ पाना कठिन जगत के विस्मयकारी (आश्चर्यजनक) अनेक कार्यों तथ्यों या निष्कर्षो को मनुष्य की बुद्धि के लिए समझ पाना संभव नहीं है उदाहरण के लिए जैसे शक्तिपात का होना, चमत्कारों का दिखाई देना, सिद्धियों का प्राप्त होना इत्यादि ।
विविध माध्यमों द्वारा एनसीईआरटी द्वारा शिक्षा का विकृतीकरण अनेक बार उजागर होते हुए भी उसे विसर्जित क्यों नहीं किया गया ?
मानसिक वासनाओं से घिरी होने के कारण मनुष्य की बुद्धि संशयात्मक रहती है । इस कारण किसी निश्चय पर पहुंचना कठिन होता है । प्रारब्ध कर्मों का प्रभाव भी बुद्धि को ठीक-ठीक निर्णय करने में कठिनाई उत्पन्न करता है ।
आधुनिक वैज्ञानिक बताते हैं कि मस्तिष्क (Brain) का एक छोटा भाग ही काम में आता है, शेष बहुत बडा भाग जीवन भर बेकार ही पडा रहता है । भारतीय संस्कृति इस बडे भाग का उपयोग करने के लिए बताती है ।