|
कोलकाता (बंगाल) – बंगाल में जादवपुर विश्वविद्यालय में स्वप्नदीप कुंडू नामक १८ वर्षीय एक विद्यार्थी के छात्रावास की इमारत के दूसरे माले से नीचे गिर कर मृत्यु हो गई । प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृत्यु से पूर्व उसकी रैगिंग की गई थी । उसकी मृत्यु के कुछ मिनट पूर्व उसे छात्रावास के कक्ष क्रमांक ७० में कपडे उतारने पर बाध्य किया गया और तदुपरांत दूसरे माले की मार्गिका में उसे नग्न घुमाया गया था । इस प्रकरण में पुलिस ने १२ युवकों को बंदी बनाया है । इनमें विद्यार्थी एवं भूतपूर्व विद्यार्थियों का समावेश है, जो अवैधरूप से छात्रावास में रहते थे । स्वप्नदीप ने कुछ दिनों पूर्व विश्ववविद्यालय के बंगाली भाषा विभाग में प्रवेश लिया था ।
गे नहीं हो तो मर्दानगी दिखाओ ! सीनियर ने नंगा कर बालकनी में घुमाया, JU में रैगिंग से परेशान होकर बालकनी से कूदा था छात्र। पढ़िए पूरी खबर। https://t.co/y1b01YUkD7 pic.twitter.com/SOc7zfm9pu
— NBT Hindi News (@NavbharatTimes) August 23, 2023
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा कि जाधवपुर विश्वविद्यालय की घटना ने हमारी आंखें खोल दी हैं । हम विद्यार्थियों के लिए ‘एंटी रैगिंग हेल्पलाइन’ क्रमांक जारी कर रहे हैं । ऐसी कोई भी घटना हो, तो तत्काल पुलिस को १८००३४५५६७८ पर संपर्क करें । संपर्क करनेवाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी । विद्यार्थी की मृत्यु का अन्वेषण अब सीआइडी को सौंप दिया गया है ।
विधानसभा में भाजपा द्वारा आलोचना
विद्यार्थी की मृत्यु का प्रकरण बंगाल विधानसभा में भाजपा के नेता एवं विरोधी पक्ष नेता शुभेंदू अधिकारी ने उपस्थित किया । वे बोले, विश्वविद्यालय देशद्रोही घटकों का अड्डा बन गया है । यहां खुले आम अमली (नशीले) पदार्थ एवं मद्य का सेवन किया जाता है । राज्य सरकार केवल मूकदर्शक रह गई है ।
रैगिंग का अर्थ क्या है ?(सौजन्य : Anirudh Sharma) किसी भी शैक्षिक संस्था के विद्यार्थी को शारीरिक अथवा मानसिक हानि पहुंच रही हो अथवा पहुंचने की संभावना हो अथवा उसमें भय की, लज्जा की अथवा किसी संकट में होने की भावना निर्माण हो रही हो, ऐसे असभ्य बर्ताव का प्रदर्शन करना अथवा ऐसा कोई भी कृत्य करना अर्थात ‘रैगिंग’, ऐसी व्याख्या कानून में की गई है । |
संपादकीय भूमिकाविश्वविद्यालय में विद्यार्थी पढने आते हैं । वहां उन पर नैतिकता की शिक्षा देकर उन पर योग्य संस्कार कर, यह देखना आवश्यक है कि वह आदर्श नागरिक बने; परंतु इसप्रकार की घटना निंदनीय और लज्जाजनक है । इससे विश्वविद्यालयों की दयनीय अवस्था ध्यान में आती है ! |