‘चंद्रयान-३’ अभियान की सफलता छात्रों को बताने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) ने प्रकाशित की पुस्तक !
नई देहली – राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी.) ने कुछ दिन पूर्व ही एक पुस्तक को प्रकाशित कर ‘चंद्रयान-३’ अभियान को प्राप्त हुई सफलता छात्रों को बताने का प्रयास किया है । इस पुस्तिका में हिन्दू धर्म के पुराणों का संदर्भ दिया गया है । इसमें कहा गया है कि ‘पुराणकाल में विमान एवं अन्य वाहन उडते थे ।’
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— NCERT (@ncert) October 17, 2023
चंद्रयान अभियान की सफलता विद्यालय एवं महाविद्यालयों में मनाने की सूचना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने देने के उपरांत यह पुस्तिका प्रकाशित की गई । इस में ‘पुराणकाल से भारत में वायुयान एवं हवा में उडनेवालें वाहनों पर शोध किया गया था । इनके संदर्भ ‘विमानशास्त्र’ ग्रंथ में पाए जाते हैं । वेद भारत के सबसे प्राचीन ग्रंथ हैं । उसमें देवी-देवता रथ का प्रयोग करते थे एवं रथ उड सकते थें । रथों का प्रयोग देवी-देवता पृथ्वी, स्वर्ग, अंतरिक्ष में घूमने के लिए करते थे । रावण के पुष्पक विमान का रामायण में उल्लेख है । इस पुस्तिका में ‘विश्वकर्मा ने पुष्पक विमान सूर्य के धूलीकण से निर्माण किया था’, इस विषय की जानकारी है ।
संपादकीय भूमिकाकेंद्र सरकार की शैक्षिक परिषद द्वारा इस प्रकार की पुस्तक प्रकाशित करना, अभिनंदनीय है ! अब इस शैक्षिक परिषद को भारत का उचित इतिहास एवं ज्ञान छात्रों को सिखाने के लिए अपने पाठ्यपुस्तकों में भी परिवर्तन करना आवश्यक है ! |