फ्रांस में ‘अबाया’ पहन कर आई मुसलमान छात्राओं को वापस भेजा !
लगभग ३०० से अधिक मुसलमान छात्राएं अबाया पहन कर विद्यालय आई थीं । उनमें से ६७ छात्राओं ने अबाया निकालने से मना कर दिया । उन्हें घर भेज दिया गया ।
लगभग ३०० से अधिक मुसलमान छात्राएं अबाया पहन कर विद्यालय आई थीं । उनमें से ६७ छात्राओं ने अबाया निकालने से मना कर दिया । उन्हें घर भेज दिया गया ।
हिन्दुओं को अपेक्षा नहीं थी कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए ऐसी कार्रवाई होगी !
हिन्दू शिक्षिका द्वारा मुसलमान विद्यार्थी को अनुशासित करने के लिए हिन्दू विद्यार्थियों द्वारा पिटाई की जाने की घटना पर हंगामा मचानेवाले निधर्मी राजकीय पक्ष, असदुद्दीन औवैसी जैसे मुसलमान नेता इस घटना के विषय में मौन साध लेते हैं, यह ध्यान रखें !
विश्वविद्यालय में विद्यार्थी पढने आते हैं । वहां उन पर नैतिकता की शिक्षा देकर उन पर योग्य संस्कार कर, यह देखना आवश्यक है कि वह आदर्श नागरिक बने; परंतु इसप्रकार की घटना निंदनीय और लज्जाजनक है । इससे विश्वविद्यालयों की दयनीय अवस्था ध्यान में आती है !
हिन्दू अपने बच्चों को ऐसी मानसिकता रखनेवाले विद्यालयों में भेजकर स्वयं की संस्कृति एवं धर्माचरण से दूर जा रहे हैं । उनकी अधोगति का यह एक मुख्य कारण प्रमाणित हो रहा है । हिन्दुओं के ध्यान में यह सूत्र आने की संभावना न होने से इस स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !
हमने वनवासियों से ३० सहस्र पोथियां एकत्र कीं और उन सभी को ओडिशा राज्य के संग्रहालय में भिजवा दिया । इन पोथियों में श्लोक इत्यादि नहीं थे, अपितु विमानों की निर्मिति कैसे करें ?, मंदिरों के निर्माण कार्य कैसे करें ? आदि प्रत्येक विषय पर विवरण दिया गया था ।
स्मार्टफोन के कारण बच्चों पर होनेवाले दुष्परिणाम को देखते हुए अभिभावकों को इसकी ओर गंभीरता से ध्यान देकर अपने बच्चों को उससे दूर रखना आवश्यक !
विद्यालय में छात्राएं बुर्का पहन कर आती, तो उन्हें मारने का साहस शिक्षिका ने दिखाया होता क्या ? मारा होता तो उसका सिर धड से अलग करने की धमकी मिली होती !
अमेरिका में वर्ण द्वेेष के प्रकरण सामने आ रहे हैं । यहां के विश्वविद्यालयों में भी वर्णद्वेषी मामले होते रहते हैं । अमेरिका को भारत सहित अन्य देशों के आंतरिक मामलों में नाक घुसेडने की अपेक्षा अपने देश की समस्या हल करने का प्रयास करना चाहिए ! इसी में इस देश का भला होगा !
उत्तर प्रदेश शिक्षा मंडल ने राज्य के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया है । अब पाठ्यपुस्तक के माध्यम से स्वातंत्र्य वीर सावरकर समेत ५० महापुरुषों की जीवन गाथा पढाई जाएगी ।