एन.सी.ई.आर.टी. की राजनीति विज्ञान की पुस्तक में परिवर्तन
नई देहली – राष्ट्रीय शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद अर्थात एन.सी.ई.आर.टी. ने १२ वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में बाबरी ढांचा ध्वस्त करने का अध्याय हटा दिया है । उस के स्थान पर श्रीराम मंदिर आंदोलन को विस्तार से पढाया जाएगा । इसके साथ ही ‘श्रीराम मंदिर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने किस आधार पर निर्णय दिया ?’, यह भी पढाया जाएगा । ११वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पुस्तक में भी परिवर्तन किए गए हैं । ये परिवर्तन मई मास में प्रकाशित होने वाली एक नवीन पुस्तक में दिखाई देंगे । ये परिवर्तन शैक्षणिक वर्ष २०२४ -२५ के लिए किए गए हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल अर्थात ‘सी.बी.एस.ई.’ मंडल को इसकी सूचना दे दी गई है ।
क्या हैं बदलाव ?
१. ११वीं की पुस्तक के ८वें अध्याय में उल्लेख किया गया है कि वर्ष २००२ के गोधरा कांड में १ सहस्त्र से भी अधिक नागरिक, विशेष कर मुसलमान मारे गए थे, इसके स्थान पर यह उल्लेख किया गया है कि ‘इन दंगों में १ सहस्त्र से अधिक नागरिक मारे गए थे ।’
२. इस पुस्तक में लिखा गया है, कि पाकिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर को ‘आजाद कश्मीर’ कहता है । इसे बदल कर अब यह उल्लेख किया गया है कि ‘इस भारतीय क्षेत्र को पाकिस्तान ने अवैध रूप से अपने नियंत्रण में ले लिया है, तथा इसे पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर का नाम दिया गया है ।’
संपादकीय भूमिकापूर्व में ‘एन.सी.ई.आर.टी.’ में साम्यवादी विचारधारा वाले लोगों का वरदहस्त होने के कारण शिक्षा क्षेत्र को अपरिमित क्षति पहुंची थी । अब छात्रों को राष्ट्र का वास्तविक इतिहास पढाने के साथ-साथ राष्ट्र प्रेमी अपेक्षा करते हैं कि इतिहास को अभी तक विकृत करने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई भी की जाए ! |