कांग्रेस के नेता आशिक पटेल ने युवति के प्रेमी की हत्या की !
अपराधियों की भरमारवाली कांग्रेस ! ऐसे वासनांध मुसलमान नेताओं पर कठोर से कठोर कार्यवाही होने के लिए प्रयास आवश्यक !
अपराधियों की भरमारवाली कांग्रेस ! ऐसे वासनांध मुसलमान नेताओं पर कठोर से कठोर कार्यवाही होने के लिए प्रयास आवश्यक !
हिन्दुओं को सर्वधर्मसमभाव की खुराक देकर और उसके नशे में धुत रखने के कारण यह परिस्थिति निर्माण हुई है । हिन्दू अब इस नशे से बाहर आकर होश में आएं और ऐसी चेष्टा करने का पुन: कोई साहस न करे, ऐसी स्थिति निर्माण करें !
अवैध संपत्ति के प्रकरण में छत्तीसगढ राज्य के मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के निकटवर्तीय अधिकारियों के घरों पर प्रवर्तन निदेशालय अर्थात ‘ईडी’ ने 11 अक्टूबर प्रात: 5 बजे छापा डाला है ।
‘अनुच्छेद ३०’ के अनुसार मुसलमान और ईसाई शिक्षासंस्थानों को सरकारी सहायता लेकर धार्मिक शिक्षा देने का अधिकार होना; परंतु हिन्दू धर्मियों पर ‘अनुच्छेद २८’ के अनुसार धार्मिक शिक्षा देने पर प्रतिबंध होना
‘रा.स्व.संघ ने ऐसा कौन-सा देश-विरोधी कार्य किया है, जिसके लिए उस पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है, यह विपक्षी दलों को बताना चाहिए । १९४८ में गांधी की हत्या के उपरांत कांग्रेस ने पूरे देश में ब्राह्मणों की हत्या की, १९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के उपरांत दिल्ली में साढ़े तीन हजार सिख मारे गए और राजीव गांधी ने अप्रत्यक्ष रूप से इसका समर्थन किया, कांग्रेस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए ?
पुलिस को ऐसे वासनांधों पर जलद गति न्यायालय में (फास्ट ट्रैक न्यायालय में) अभियोग (दावा) चलाकर फांसी का दंड देने के लिए प्रयास करना चाहिए !
हिन्दुओं के मंदिरों में वाद-विवाद के कारण वहां के धार्मिक कार्य के लिए अनुमति लेने के लिए कहनेवाला प्रशासन क्या कभी अन्य धर्मियों के धार्मिक स्थल के संदर्भ में ऐसा आदेश देता है ?
पिछले १८ वर्षों में कांग्रेस और भाजपा की सरकारों के समय लगभग २०० नेताओं पर सीबीआई ने अपराध प्रविष्ट किए, छापे मारे, उन्हे बंदी बनाया अथवा उनकी जांच की , जिसमें से ८० प्रतिशत नेता विपक्षी पक्षों के थे ।
गोवा के राजकीय क्षेत्र में भारी उलटा-पलटी होने से काँग्रेस के ११ में से ८ विधायकों ने भाजप में प्रवेश किया है ।
गांधी और नेहरू परिवार ने हमेशा ही क्रांतिकारियों का अपमान किया है । इस कारण राहुल गांधी का इस कार्यक्रम के लिए अनुपस्थित रहना, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं ! कांग्रेस को क्षमा मांगने की अपेक्षा प्रायश्चित के रुप में क्रांतिकारियों का सम्मान करने का प्रयास करना चाहिए !