नई देहली – ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ पर प्रतिबंध लगाने के उपरांत अब विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग शुरू कर दी है ।
The Congress and other opposition leaders applauded Centre's decision to ban #PFI, but demanded that all RSS be banned as well. #PFIBan #PFICrackdown https://t.co/RQ1aDA9q8L
— IndiaToday (@IndiaToday) September 28, 2022
१. केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व गृह मंत्री रमेश चेन्नीथला ने कहा कि केरल में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यकों द्वारा जातिवाद और कट्टरता का समान रूप से विरोध किया जाना चाहिए । पी.एफ.आई. की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने धार्मिक घृणा को भड़काने का भी काम किया है । उन्होंने समाज में विभाजन निर्माण करने का प्रयत्न किया है । कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसने इन दोनों समुदायों द्वारा प्रसारित किए गए जातिवाद और सांप्रदायिकता का विरोध किया है ।
२. केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने पी.एफ.आई. पर की गई कार्रवाई का स्वागत किया किन्तु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी प्रतिबंधित करने की मांग की है । इस संगठन के नेता एम.के. मुनीर ने कहा कि पी.एफ.आई. ने युवाओं को पथभ्रष्ट करने का प्रयत्न किया है । उन्होंने समाज में विभाजित करने व द्वेष प्रसारित करने का काम किया है । सभी इस्लामिक संगठन आतंकवादी विचारों की निंदा करते हैं । पी.एफ.आई. जैसे संगठन छोटे बच्चों को भी आपत्तिजनक नारे लगाने से परावृत्त करते हैं ।
संपादकीय भूमिका‘रा.स्व.संघ ने ऐसा कौन-सा देश-विरोधी कार्य किया है, जिसके लिए उस पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है, यह विपक्षी दलों को बताना चाहिए । १९४८ में गांधी की हत्या के उपरांत कांग्रेस ने पूरे देश में ब्राह्मणों की हत्या की, १९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के उपरांत दिल्ली में साढ़े तीन हजार सिख मारे गए और राजीव गांधी ने अप्रत्यक्ष रूप से इसका समर्थन किया, कांग्रेस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए ? |