|
पणजी, १४ सितंबर (वार्ता.) – गोवा के राजकीय क्षेत्र में भारी उलटा-पलटी होने से काँग्रेस के ११ में से ८ विधायकों ने भाजप में प्रवेश किया है । गोवा के विधानसभा चुनाव के पश्चात कुछ दिनों में ही काँग्रेस के कुछ विधायकों ने विद्रोह कर, भाजप में जाने की तैयारी की थी; परंतु विरोधी दल-बदल कानून के अनुसार आवश्यक कुल सदस्यों के दो तृतीयांश संख्या भी न होने से एकदम अंतिम क्षण विरोधी दल-बदल करना इन विद्रोहियों के लिए संभव नहीं था ।
१. १४ सितंबर को सवेरे काँग्रेस के ८ विधायक मायकल लोबो, डिलायला लोबो, संकल्प आमोणकर, राजेश फळदेसाई, रुडॉल्फ फर्नांडिस, आलेक्स सिक्वेरा एवं केदार नाईक, ये भूतपूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत के नेतृत्व में विधानसभा संकुल में पहुंचे । इस स्थान पर पत्रकारों को प्रवेश मना कर दिया था ।
२. इन विधायकों ने मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की भेट ली । तदुपरांत इस गुट ने भाजप में अधिकृतरूप से प्रवेश किया ।
३. गोवा भाजप प्रदेशाध्यक्ष सदानंद शेट तानावडे ने इसकी औपचारिक घोषणा की । इसके साथ ही भाजप के पक्ष कार्यालय में आठों विधायकों का स्वागत किया गया ।
४. इस विरोधी दल-बदल के कारण गोवा विधानसभा में विरोधी पक्षनेता ही नहीं रहेंगे, ऐसी जानकारी गोवा विधानसभा के सभापति रमेश तवडकर ने दी है । वर्तमान में तवडकर देहली में हैं ।
Goa | 8 Congress MLAs including Digambar Kamat, Michael Lobo, Delilah Lobo, Rajesh Phaldesai, Kedar Naik, Sankalp Amonkar, Aleixo Sequeira & Rudolf Fernandes join BJP in presence of CM Pramod Sawant pic.twitter.com/uxp7YaZAUN
— ANI (@ANI) September 14, 2022
५. इससे पहले ३ वर्षाें पूर्व काँग्रेस के १० विधायक भाजप में गए थे । तदुपरांत फरवरी २०२२ में विधानसभा चुनावों के पूर्व काँग्रेस के विधायकों को चर्च एवं मंदिर ले जाकर पक्षांतर न करने की शपथ दी थी । तब भी यह पक्षांतर हुआ ही !
६. इस विषय में स्पष्टीकरण देते हुए भूतपूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत बोले, ‘‘मैं भगवान पर विश्वास रखता हूं । मैंने अब भी भगवान के दर्शन लिए और उन्हें परिस्थिति की कल्पना देकर उनसे पूछा कि इस विषय में ‘क्या करूं ?’ भगवान ने परिस्थिति अनुसार निर्णय लेने के लिए कहा है ।’’
७. विरोधी पक्षनेता के मायकल लोबो बोले, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के हाथ सुदृढ करने के लिए हमने भाजप में प्रवेश किया है ।’’
८. देशभर में राहुल गांधी के नेतृत्व में काँग्रेस ‘भारत जोडो’ आंदोलन करते समय गोवा से ‘काँग्रेस छोडो, भाजप जोडो’ मुहिम का प्रारंभ हुआ है, ऐसी राजकीय क्षेत्र में चर्चा है ।