सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘कहां अर्थ और काम पर आधारित पश्चिमी संस्कृति, और कहां धर्म और मोक्ष पर आधारित हिन्दू संस्कृति ! हिन्दू पश्चिम का अंधानुकरण कर रहे हैं, इसलिए वे भी तीव्र गति से विनाश की ओर बढ रहे हैं !’
‘कहां अर्थ और काम पर आधारित पश्चिमी संस्कृति, और कहां धर्म और मोक्ष पर आधारित हिन्दू संस्कृति ! हिन्दू पश्चिम का अंधानुकरण कर रहे हैं, इसलिए वे भी तीव्र गति से विनाश की ओर बढ रहे हैं !’
क्या यह हिन्दूबहुल महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के लिए संकट का संकेत नहीं है ?, इस पर सभी हिन्दू गंभीरता से विचार करें !
पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पी.एफ.आइ.) कट्टर जिहादी मानसिकता के संगठन पर केंद्र सरकार ने यु.ए.पी.ए. से प्रतिबंधित कर दिया है (अवैध कार्यवाहियां प्रतिबंधक अधिनियम) अधिनियम के अंतर्गत ५ वर्षों के लिए प्रतिबंधित ।
हिन्दुओं को सर्वधर्मसमभाव की खुराक देकर और उसके नशे में धुत रखने के कारण यह परिस्थिति निर्माण हुई है । हिन्दू अब इस नशे से बाहर आकर होश में आएं और ऐसी चेष्टा करने का पुन: कोई साहस न करे, ऐसी स्थिति निर्माण करें !
आगामी २ दो वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए संकटकारी सिद्ध होने की संभावना है । वर्तमान वर्ष के अंत तक अमेरिका तथा विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में भयंकर आर्थिक मंदी आने की संभावना है ।
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‘कोई ऐसा भी हो सकता है, जिनके विषय में सभी को घर जैसी आत्मीयता एवं आधार प्रतीत होता है तथा जो साधकों की व्यष्टि तथा समष्टि साधना की ही नहीं, पारिवारिक समस्याएं भी सुलझा सके, ऐसी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता । श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी इतनी अद्वितीय हैं !
अभी पृथ्वी पर तीन अवतार हैं, इसलिए देवादिकों की दृष्टि पृथ्वी की ओर होना