मुंबई (महाराष्ट्र) – पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान की फिल्म ‘लीजेंड ऑफ मौला जाट’ शीघ्र ही भारत में प्रदर्शित होगी । मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी है कि ये फिल्म महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना किसी भी स्थिति में महाराष्ट्र में प्रदर्शित नहीं होगी।
RAJ THACKERAY WARNS MUMBAI THEATRES! 🚨
Don’t screen Pakistani films, or face consequences!🔥
– @RajThackeray@mnsadhikrut chief stands firm against Pakistan’s anti-India stance.👉Art does not have national borders, this is all right in other cases, but in the case of… pic.twitter.com/BvZocAWRvZ
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) September 22, 2024
इसे लेकर राज ठाकरे ने ‘एक्स’ अकाउंट पर प्रसारित संदेश में कहा है कि पाकिस्तानी कलाकारों की फिल्मों को भारत में प्रदर्शित करने की अनुमति क्यों दी जाती है ? कला किसी भी राष्ट्रीय सीमा को नहीं जानती, अन्य विषय के संबंध में भी यह ठीक है; लेकिन पाकिस्तान के संदर्भ में ये तनिक भी काम नहीं करेगा । जो देश ‘भारत से द्वेष’ के एकमात्र सूत्र पर अडिग है, उस देश के कलाकारों को यहां नाचने के लिए लाया जा रहा है और उनकी फिल्मों को प्रदर्शित करने की अनुमति दे रहा है, ये देश में क्या हो रहा है ? महाराष्ट्र की तो बात ही छोड़िए; लेकिन सरकार को इस फिल्म को देश के किसी भी राज्य में प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए । यानी दूसरे राज्य को क्या करना है ? ये उनका सवाल है । लेकीन इस फिल्म को महाराष्ट्र में प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन ये निश्चित है ! मेरी इच्छा है कि किसी भी पाकिस्तानी फिल्म के लिए राज्य में कोई संघर्ष न हो और मुझे विश्वास है कि सरकार इस पर उचित ध्यान देगी ।’
फिल्म को तुरंत प्रदर्शित करने के झांसे में न आएं !
पहले भी ऐसी घटनाएं होने पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा दिया गया झटका सभी को याद है । इसलिए थिएटर मालिकों से विनम्र अनुरोध है कि वे फिल्म स्क्रीनिंग के झांसे में न आएं । फिल्म की प्रदर्शन के समय ही नवरात्रि महोत्सव आरंभ हो जाएगा । ऐसे समय में मैं ‘महाराष्ट्र में कोई टकराव’ नहीं चाहता और मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और राज्य के पुलिस महानिदेशक भी ऐसा नहीं चाहते ।’ हम अति अधिक संघर्ष नहीं चाहते । इसलिए समय रहते कार्यवाही करें और सुनिश्चित करें कि यह फिल्म हमारे देश में प्रदर्शित न हो । राज ठाकरे ने यह भी कहा है कि यदि मराठी फिल्मों को थिएटर उपलब्ध कराने में आनाकानी करने वाले फिल्म मालिक पाकिस्तानी फिल्मों को देश में आने की अनुमति देते हैं तो यह उदारता महंगी पड़ेगी ।