बौद्धिक युद्ध लडने के लिए आचार्य चाणक्य की बुद्धीमत्ता तथा छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य आत्मसात करना आवश्यक ! – संतोष केंचम्बा, संस्थापक अध्यक्ष, राष्ट्र धर्म संगठन

भारत में गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत योग्य कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार हो रहा है । यह परंपरा पुनर्जिवित कर कथाओं के माध्यम से हिन्दू संस्कृति का प्रसार करना आवश्यक है ।

तेलंगाना में मुसलमान द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के समीप लघुशंका !

तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले के गजवेल शहर में मुसलमान व्यक्ति द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले के समीप लघुशंका करने के कारण भीड ने उसे पीटा, साथ ही उसे यहां के क्षेत्र में घुमाया ।

पुनः औरंगजेबी आक्रमण !

अल्पसंख्यक कहकर छूट लेकर भी औरंगजेब का किया जा रहा उदात्तीकरण, भारत के इस्लामीकरण का नियोजित षड्यंत्र है !

मॉरिशस में छत्रपति शिवाजी महाराज के १२ फुट ऊंचे अश्वारूढ पुतले का अनावरण !

मॅारिशस के प्रधानमंत्री प्रवींदकुमार जगन्नाथ तथा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुतले का अनावरण किया । इस समय पूरा परिसर शिवाजी महाराजजी के जयघोष से गूंज उठा था ।

असम में ६०० मदरसे बंद किए एवं अन्य सभी बंद करने का मानस !

यदि असम के मुख्य मंत्री ऐसा कर सकते हैं, तो अन्य राज्यों के मुख्य मंत्री क्यों नहीं  ?

अतिक्रमण हटाकर गढ-किलों के संवर्धन के लिए महामंडल गठित करने की मांग राज्य सरकार ने स्वीकार की !

स्वधर्म बचाने तथा स्वराज्य की रक्षा करने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने सैनिकों के साथ प्राणों को दांव पर लगाकर ५ बादशाहों के साथ लडाई की । उसमें गढ-किलों ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

साम्यवादी छात्र संगठन ने जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाने का किया विरोध !

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनादर !

कैलिफोर्निया (अमेरिका) में छत्रपति शिवाजी महाराज के एकमात्र पुतले की चोरी !

अमेरिका में कैलिफोर्निया के सेन्ट जान्स उद्यान से छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले की चोरी होने की घटना हुई है । इस पुतले को काटकर चोरी किया गया है । पुलिस इस घटना की जांच कर रही है ।

गोहत्यासहित राष्ट्र की प्रत्येक समस्या का शाश्वत समाधान – धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की (आदर्श रामराज्य की) स्थापना !

‘केवल गोहत्याबंदी कानून करना पर्याप्त नहीं है, अपितु देश में गोपालक राज्यकर्ता होना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है ।’ ऐसे राज्यकर्ता मिलने के लिए धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र नहीं, अपितु धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !