मुंबई में मिला ‘गढ-दुर्ग रक्षा महामोर्चा’ को सफलता !
मुंबई – स्वधर्म बचाने तथा स्वराज्य की रक्षा करने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने सैनिकों के साथ प्राणों को दांव पर लगाकर ५ बादशाहों के साथ लडाई की । उसमें गढ-किलों ने भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई । वही गढ-दुर्ग आज अतिक्रमण के चंगुल में फंस गए हैं जीर्ण होने तथा अस्वच्छता के कारण आज ये गढ-दुर्ग जीर्ण-शीर्ण अवस्था में आ गए हैं । इन सभी गढ-दुर्ग पर किए अतिक्रमणों को हटाकर उनका संरक्षण एवं संवर्धन किया जाए; इसके लिए ‘महाराष्ट्र गढ-दुर्ग रक्षा समिति’ द्वारा ३ मार्च को भव्य महामोर्चा निकाला गया ।
इस भव्य महामोर्चा में पूरे राज्य के २१ संगठनों के सैकडों गढ एवं किले प्रेमी तथा हिन्दुत्वनिष्ठ सम्मिलित हुए । इस भव्य महामोर्चा के उपरांत राज्य के पर्यटन मंत्री श्री. मंगल प्रभात लोढा ने गढ-दुर्ग रक्षा समिति की मांगें मान ली हैं । पर्यटन मंत्री श्री. लोढा ने स्वयं आजाद मैदान में आकर गढ-दुर्ग रक्षा समिति की मांगें स्वीकार कीं । इस अवसर पर पर्यटन मंत्री श्री. मंगल प्रभात लोढा ने इस संदर्भ में समय सीमा निर्धारित कर राज्य के सभी गढ एवं किलों पर किए गए अतिक्रमण हटाकर उनके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए महामंडल गठित करने का आश्वासन दिया ।
गढ एवं दुर्ग प्रेमी संगठन के साथ बातचीत कर आगे की नीति सुनिश्चित करेंगे ! – श्री. मंगल प्रभात लोढा
आनेवाले ३ माह के अंदर गढ-दुर्ग रक्षा समिति गठित की जाएगी, साथ ही प्रतापगढ की भांति विशाळगढ सहित अन्य सभी किलों से अतिक्रमण हटाए जाएंगे । विधानसभा का अधिवेशन समाप्त होने के उपरांत गढ एवं किलों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गढ-दुर्ग प्रेमी संगठनों के साथ बैठक कर आगे की नीति सुनिश्चित करेंगे । हम सभी किलों पर पर्यटन आरंभ कर उपजीविका (रोजगार) उपलब्ध कराएंगे । मैं मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रीजी की ओर से यहां आया हूं । ‘प्रतापगढ किले की तलहटी पर स्थित अफजल खान की कब्र के आसपास का अतिक्रमण हटाया जाएगा’, सपने में भी कोई यह विचार नहीं कर सकता था । एक समय में अफजल खान का चित्र लगाने पर भी पुलिस प्रशासन की ओर से अपराध पंजीकृत किए जाते थे; परंतु अब की सरकार ने वहां का अतिक्रमण हटा दिया । सरकार ने रायगढ के संवर्धन के लिए समिति गठित की । यह सरकार आपकी है । (४.३.२०२३)
सरकार सउदी अरब की भांति गढ एवं किले पर किए गए अतिक्रमण हटाए ! – रणजीत सावरकर
इस भव्य महामोर्चा के समापन के उपरांत आयोजित सभा में बोलते हुए वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष श्री. रणजीत सावरकर ने कहा कि ‘‘हिन्दुओं की सद्गुण विकृति के कारण किलों पर अतिक्रमण हुए हैं । इस्लाम में ‘दरगाह एवं मंजारें (मुसलमानों की कब्रें) धार्मिक नहीं होतीं’, ऐसा कहा गया है । इस्लाम में पार्थिव का पूजन करना पाप है । उसके कारण सउदी अरब में बुलडोजर से धार्मिक वास्तुओं को तोड दिया गया है । कुरान के अनुसार दरगाह, मजारें एंव मस्जिद पवित्र नहीं हैं, वे तो केवल इस्लाम के लिए उपयुक्त हैं । हमने किसी भी धर्म की पूजा के अधिकार पर आक्रमण नहीं किया । हमारी मांग कानूनी है । जिस प्रकार सउदी अरब में इस्लामी वास्तुएं तोडी गईं, उसके अनुसार सरकार गढ एवं किलों से अतिक्रमण हटाए ।