साम्यवादी छात्र संगठन ने जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाने का किया विरोध !

छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनादर !

नई देहली – यहां जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्याल अर्थात जेएनयू में १९ फरवरी को संध्या समय शिवाजी महाराज जयंती मनाने पर कम्यूनिस्ट छात्र संघ स्टुडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एस.एफ.आइ.) एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के मध्य विवाद हुआ । एस.एफ.आइ. के छात्रों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा तोड दी, जिसके कारण विवाद हुआ । इस घटना का छायाचित्र सामाजिक माध्यमों से प्रसारित हुआ है । विवाद की जानकारी मिलते ही विश्वविद्याल में बडी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे । उन्होंने दोनों गुट के छात्रों को शांत किया ।

१. इस संदर्भ में अभाविप के सचिव उमेशचंद्र अजमेरा ने कहा कि शिवाजी महाराज जयंती के उपलक्ष्य में हमने स्टुडेंट ऐक्टिविटी सेंटर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा रखी थी । एस.एफ.आइ. के छात्रों ने यह प्रतिमा बाहर निकाल दी तथा प्रतिमा पर स्थित हार कुडादान में फेंक दिया । एस.एफ.आइ. के छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय का वातावरण दूषित किया जा रहा है अत: प्रशासन को इसके विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए ।

२. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ ने कहा कि एबीवीपी को छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति लगाने के लिए विश्वविद्यालय की अनुमति लेना आवश्यक था; परंतु एबीवीपी ने ऐसी कोई अनुमति नहीं ली थी । इससे पूर्व ही इस स्थान पर कुछ कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था । इस कारण छात्रों ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटाई ।

 (सौजन्य :TIMES NOW)

उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक

संपादकीय भूमिका

  • केंद्र सरकार द्वारा कम्यूनिस्ट छात्र संघ पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही अब जेएनयू को शुद्ध करना आवश्यक हो गया है !
  • यह लज्जाजनक है कि जेएनयू में निरंतर देश एवं हिन्दू धर्म के विरुद्ध गतिविधियां होते हुए भी उन पर ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है !