दुबई – विख्यात तंत्रिकातंत्र विशेषज्ञ (न्यूरोलॉजिस्ट) डॉ. श्वेता अदातिया ने यू ट्युब पर एक वीडियो प्रसारित किया है, जिसमें श्री हनुमान चालीसा पठन के वैज्ञानिक लाभ बताएं हैं । डॉ. श्वेता अदातिया ने कहा ‘हनुमान चालीसा का पठन हृदय एवं मन के लिए बहुत लाभदायक हैं । हनुमान चालीसा ‘योगिक सांस’ मानी जाती है । इसका अर्थ है, हम जब उसे पढते हैं, तब हमारी सांस एक विशिष्ट पद्धति का अनुसरण करती हैं ।’
Chanting Hanuman Chalisa is not just about devotion, but it also a form of yogic breathing! – Neurologist Dr. Sweta Adatia
Now what do intellectuals who make fun of the hymns of Hindu deities have to say about this?#hanumanchalisa pic.twitter.com/Qniw2JVts4
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 13, 2025
१. श्री हनुमान चालीसा की कुछ चौपाइयों का पठन करते समय, सांस अंदर ली जाती है । (उदा. जय हनुमान ज्ञान गुण सागर), जबकि कुछ चौपाइयों का पठन करते समय सांस बाहर छोडी जाती है, (उदा. जय कपिस तिहू लोक उजागर), कुछ चौपाइयों में सांस रोकी जाती है, (उदा. रामदूत अतुलित बलधाम), तो कुछ में सांस रोककर बाहर फेंकी जाती है, (उदा. अंजनी पुत्र पवन सुत नामा ।)
२. डॉ. श्वेता अदातिया के मत में, यह प्रक्रिया हृदय गति परिवर्तनशीलता पर परिणाम करती है, जिस कारण हृदय की स्थिति स्वस्थ रहने में सहायता होती है । दूसरी ओर, यदि हनुमान चालीसा का उचित ढंग से पठन किया जाए, तो उसका सीधा परिणाम ‘लिंबिक सिस्टम’ पर (मस्तिष्क से संबंधित (भावनात्मक तंत्रिकातंत्र) होता है, जिस कारण व्यक्ति की चिंता अल्प होती है एवं उसके अंदर का भय दूर होता है ।
३. डॉ. श्वेता अदातिया ने कहा ‘श्री हनुमान चालीसा पढने के उपरांत तंत्रिका सक्रिय होती है, जिस कारण पाचन एवं तनाव प्रबंधन जैसे देह के अनेक कार्यों में सहायता होती है ।’
४. उन्होंने आगे कहा ‘श्री हनुमान चालीसा का पठन करने से हृदय एवं मन दोनों पर सकारात्मक परिणाम होता है, यह बात प्रयोगों में पाई गई है ।’
संपादकीय भूमिकाहिन्दुओं के देवी-देवताओं के स्तोत्रों की आलोचना करनेवाले बुद्धिप्रामाण्यवादियों को इस विषय में क्या कहना है ? |