स्वास्थ्य के साथ खिलवाड करनेवाले धर्मांधों के विकृत दुष्कृत्य !

‘हिन्दू युवा वाहिनी’ संगठन के पदाधिकारी पुष्कर त्यागी ने गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में थूक लगाकर रोटी बनानेवाले एक धर्मांध के विरुद्ध परिवाद पंजीकृत कर उसे बंदी बनाने के लिए बाध्य किया । यह घटना अक्टूबर २०२१ की है ।

‘लैंड जिहाद’

हिन्दुओं की भूमि महंगे मूल्य पर खरीदना और अधिकाधिक संवेदनशील और महत्त्वपूर्ण भूभागों पर नियंत्रण स्थापित कर संपूर्ण देश में इस्लामीकरण करने का मुसलमानों का षड्यंत्र है । आज ‘मिनी पाकिस्तान’ के नाम से जो क्षेत्र जाने जाते हैं, वह उस व्यापक षड्यंत्र की ही तैयारी है ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए तन, मन, धन, बुद्धि और कौशल का योगदान करना, यही काल के अनुसार गुरुदक्षिणा !

आज प्रत्येक व्यक्ति धर्माचरण करने लगा, उपासना करने लगा, तो ही वह धर्मनिष्ठ होगा । ऐसे धर्मनिष्ठ व्यक्तियों के समूह से धर्मनिष्ठ समाज की निर्मिति हो सकती है । धर्मनिष्ठ होने के लिए धर्म के अनुसार बताई उपासना अर्थात साधना करना अनिवार्य है ।

हिन्दू राष्ट्र स्थापना का कार्य स्वयं का है; इसलिए उसमें आगे बढकर कार्य करना चाहिए !

सनातन धर्मग्रंथों में राजधर्म बताया गया है । वहां धर्म की सीमा के बाहर राजनीति नहीं है । धर्म की सीमा से बाहर यदि राजनीति हो, तो उसका नाम ‘उन्माद’ है, जब तक भारत में धर्माधारित राजपद्धति अपनाई नहीं जाएगी, तबतक गायें, गंगा, सती, वेद, सत्यवादी, दानशूर आदि का संपूर्ण संरक्षण नहीं हो सकता ।

हिन्दू जनजागृति समिति और हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के बारे में हिन्दुत्वनिष्ठों के गौरवोद्गार और परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति व्यक्त किया भाव

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का व्यासपीठ सभी हिन्दुत्वनिष्ठों के लिए है । इस कारण हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के माध्यम से हिन्दुओं में नवशक्ति निर्माण हुई है । विविध राज्यों में और जिलों में इस प्रकार के अधिवेशन हो रहे हैं । अखंड हिन्दू राष्ट्र के लिए ये सम्मलेन हो रहे हैं ।

‘कश्मीर से कन्याकुमारी’, ‘कच्छ से कामरूप’ ऐसा ‘आसेतु हिमालय’ एवं सिंधु से सेतुबंध’ तक हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना है !

अगले २-३ वर्ष हिन्दू राष्ट्र की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं । इसके लिए हमें निरंतर हिन्दू राष्ट्र की मांग करते रहना होगा । इस दृष्टि से ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ महत्त्वपूर्ण है । यह कार्य करते समय कालमहिमा के अनुसार वर्ष २०२५ में हिन्दू राष्ट्र आने ही वाला है, इसके प्रति आश्वस्त रहिए !

१२ से १८ जून की अवधि में गोवा में होनेवाले दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के उपलक्ष्य में …

इस्लामी अथवा ईसाई देशों की भांति हिन्दू राष्ट्र कोई संकीर्ण अवधारणा (संकल्पना) नहीं है, अपितु वह विश्वकल्याण का विचार करनेवाली, प्रत्येक नागरिक की लौकिक एवं पारलौकिक उन्नति का विचार करनेवाली एक सत्त्वप्रधान व्यवस्था है ।

ज्ञानवापी मस्जिद का प्रकरण : गुप्तचर विभाग का केंद्र सरकार को ब्योरा !

‘ज्ञानवापी में पूजा एवं अन्य उत्सव मनाने का आदेश प्राप्त हो’, ऐसी याचिका हिन्दुओं की ओर से की गई है । उस पर उन्होंने धमकियां देना प्रारंभ कर दिया कि ‘हम दूसरी बाबरी नहीं होने देंगे ।’ इस पृष्ठभूमि पर गुप्तचर संस्था ने केंद्र सरकार को ब्योरा दिया है कि इस विषय पर देश में बडा उपद्रव किया जाएगा ।

भारतीय युवकों का सेना के प्रति आकर्षण !

सेना में भर्ती होने के लिए उसके रात में दौडने का अभ्यास करनेवाला वीडियो सामाजिक माध्यमों पर बडी मात्रा में प्रसारित हो रहा है । भारतीय युवकों में सेना के प्रति आकर्षण है । अनेक युवकों को सेना में भर्ती होने की इच्छा होती है ।

रासायनिक अथवा जैविक कृषि नहीं, अपितु प्राकृतिक कृषि अपनाइए ! (भाग २)

रसायनशास्त्र के शास्त्रज्ञ यह सत्य मान्य ही नहीं करेंगे । जैविक कर्ब बढाने का काम खेत के जीवाणु, केंचुए एवं मित्र कीटक करते हैं । रासायनिक खेती के कारण ये जीवाणु मारे जाते हैं । फिर जैविक कर्ब कैसे बढेगा ?