धर्मकार्य में योगदान से ही हमारा जीवान सार्थक होगा ! – महामंडलेश्वर नर्मदा शंकरपुरी महाराज, निरंजनी आखाडा, जयपुर, राजस्थान
धर्मकार्य में हमारा योगदान कितना है, यह चिंतन का विषय है । विश्व की उपेक्षा कर आगे जाना है अथवा फूल की भांति सबको सुगंध देते हुए आगे जाना है, यह हमें निश्चित करना चाहिए ।