अलवर (राजस्थान) मस्जिद के सामने एक हिंदू परिवार की शादी की बारात पर मुसलमानों का आक्रमण।
जो मुसलमान मस्जिद के सामने से शादी की बारात का जाना सह नहीं सकते तो उनकी दिनमें ५ बार लाउडस्पीकर से पढ़ी जाने वाली नमाज की आवाज हिंदू क्यों बर्दाश्त करें ?
जो मुसलमान मस्जिद के सामने से शादी की बारात का जाना सह नहीं सकते तो उनकी दिनमें ५ बार लाउडस्पीकर से पढ़ी जाने वाली नमाज की आवाज हिंदू क्यों बर्दाश्त करें ?
भारत के इतिहास में ऐसा कानून कभी नहीं था और कभी हो भी नहीं सकता । भारत की जनता कहेगी कि यदि यह कानून करना ही होगा, तो राजनेताओं के लिए ही करना चाहिए !
देश में मुसलमान नहीं, किंतु हिन्दू और उनकी बेटियां ही असुरक्षित हैं, यही बात यह घटना दर्शाती है ! इसपर पाखंडी निधर्मीवादी कुछ नहीं बोलेंगे, यह समझ लें !
इससे विदित होता है कि बहुसंख्यक हिन्दुओं के कर से प्राप्त अधिकांश धन अल्पसंख्यकों को सुविधाएं प्रदान करने पर व्यय होता है। यह धन व सुविधाएं प्राप्त करने वाले अधिकांश अल्पसंख्यक धर्मांध कट्टरपंथी मुसलमान विभिन्न प्रकार के जिहाद और राष्ट्र-विरोधी कृत्यों में लिप्त हैं।
यदि देश की स्वतंत्रता के लिए सर्वाधिक बलिदान मुस्लिमों का है, तो उन्होंने देश का विभाजन क्यों होने दिया ? इस प्रकार के संतापजनक वक्तव्य कर कांग्रेस हिन्दुओं द्वारा किए गए त्याग का अनादर ही कर रही है । ऐसी कांग्रेस को हिन्दू कभी भी नहीं भूलेंगे !
विश्व के एक भी इस्लामी देश में मुस्लिमों को पिछडे वर्ग के ठहराकर उन्हें आरक्षण नहीं दिया गया है; परंतु कांग्रेस ने यह चमत्कार किया है !
ब्रिटिश संसद में ‘ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप फॉर पाकिस्तानी माइनॉरिटीज’ नामक संस्था, जो पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों के लिए लड़ती है, पाकिस्तान पर आधारित एक शोध कर रही है ।
भारत के अंतर्गत सूत्रों में टांग अडानेवाली अमेरिका को ‘जैसे को तैसा’ उत्तर देने की आवश्यकता है । इस हेतु भारत को सदैव मानवाधिकारों का हनन करनेवाली अमेरिका का सच्चा चेहरा उजागर करनेवाला विवरण नित्य प्रसारित करना चाहिए !
भारत स्वतंत्र होने के उपरांत केंद्र में सत्तारूढ कांग्रेस की ऐसी राष्ट्रविघातक विचारधारा के कारण ही उसने गोवा मुक्त करने में टालम-टोल की थी, यदि ऐसा कहा जाए, तो इस में चूक कैसी !
प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों ‘एमडीएच’ और ‘एवरेस्ट’ से मसालों का समावेश।