संपादकीय : ‘रिक्लेमिंग भारत’ अत्यावश्यक !
आम हिंदुओं के प्रयासों के साथ-साथ हिंदू धर्म के प्रति समर्पित संगठन एकत्र आकर इन आयोजनों तक ही सीमित न रहकर, हिंदुओं की सुरक्षा के लिए एक सार्वभौमिक ‘हिंदू इकोसिस्टम’ की दिशा में निर्णायक कदम उठाएंगे !
आम हिंदुओं के प्रयासों के साथ-साथ हिंदू धर्म के प्रति समर्पित संगठन एकत्र आकर इन आयोजनों तक ही सीमित न रहकर, हिंदुओं की सुरक्षा के लिए एक सार्वभौमिक ‘हिंदू इकोसिस्टम’ की दिशा में निर्णायक कदम उठाएंगे !
यह स्पष्ट है कि खालिस्तानी हिन्दू मंदिरों पर आक्रमण कर रहे हैं । कनाडा की पुलिस अपनी निष्क्रियता छुपाने के लिए मंदिर पर होने वाले कार्यक्रम को ही रद्द करने का प्रयास कर रही है, इससे पता चलता है !
ऐसा आदेश देने के लिए भोपाल भारत में है अथवा पाकिस्तान में ? मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के रहते ऐसी रोक लगाने का साहस किसी को कैसे होता है ?
महाकुंभ पर्व में सभी समुदायों के प्रवेश का समर्थन करने पर उन्होंने विपक्षी नेताओं की आलोचना की।
सरकार को ऐसे हिन्दू-द्वेषी विकृत धर्मांध मुसलमानों को मृत्युदंड दिलाने का प्रयास करना चाहिए !
अनेक भारतीय उनके द्वारा बुने जानेवाले भारत विरोधी जाल में फंस जाते हैं तथा ‘हमारे देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं’, उनकी इस बात पर सहमत हो जाते हैं । वास्तव में देखा जाए, तो ‘विश्व के अनेक स्थानों की अपेक्षा भारत में महिलाएं अधिक सुरक्षित हैं’, प्रसारमाध्यमों को ऐसा बताना चाहिए ।
“हिंदू अगर मस्जिदों में नमाज के दौरान ‘हरे राम हरे कृष्णा’ का गायन करें तो क्या होगा?” – तस्लीमा नसरीन
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के विरोध में सामाजिक माध्यम से प्रसार करने पर प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने घंटी की आवाज न्यून करने का आदेश पीछे लिया ।
भारत के संपूर्ण बंगाल, झारखंड एवं बिहार राज्य तथा नेपाल एवं म्यानमार देशों के कुछ क्षेत्रोंं का समावेश !
कोई भी मराठी या कोंकणी व्यक्ति इतना मूर्ख नहीं है जो मुनव्वर फारूकी की इस चाल को न समझ सके !