‘पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम १९९१’ एवं काशी-मथुरा मुक्ति आंदोलन !
हिन्दुओं की आवाज दबानेवाला ‘पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम १९९१’, इस काले कानून को रद्द करने के लिए हिन्दुओं को संगठित होकर केंद्र सरकार से मांग करनी पडेगी ।
हिन्दुओं की आवाज दबानेवाला ‘पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम १९९१’, इस काले कानून को रद्द करने के लिए हिन्दुओं को संगठित होकर केंद्र सरकार से मांग करनी पडेगी ।
काशी में पत्रकारों द्वारा ‘महाराष्ट्र पाठ्यक्रम में मनुस्मृति का समावेश एवं जितेंद्र आव्हाड द्वारा किया गया डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जी का अनादर, इस विषय में पूछे गए प्रश्न पर फडणवीस ने उपरोक्त उत्तर दिया ।
आंदोलक छात्रों ने पथ पर आग लगाना आरंभ किया । वे हर्ष राज के हत्यारों को बंदी बनाने की मांग कर रहे हैं ।
फिलिस्तीन के समर्थन में आंदोलन करने वाले विद्यार्थियों को बंदी बनाए जाने का प्रकरण
फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले कौन हैं , यह जगजाहिर है । ऐसा हुआ, तो भी अमेरिका के यहूदी धर्मवालों के प्रभावी दबाव समूह के आगे आंदोलनकर्ता साम्यवादी और मुसलमान संगठनों का कुछ चलेगा नहीं, यह भी उतना ही सत्य है !
इस समय आंदोलनकारी और पुलिस में झगडा हुआ । आंदोलनकारियों को पीछे हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया ।
वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘इझिनी २०१४’ के अवसर पर इस नाटक का मंचन किया गया था, जिसमें माता सीता और श्री हनुमानजी की अवमानना की गई थी ।
पाकिस्तान के डेरा मुराद जमाली शहर में कुछ दिनों पूर्व हिन्दू लडकी प्रिया कुमारी का सुक्कूर से अपहरण किया गया था ।
पुलिस, प्रशासन और सरकार हिन्दुओं की रक्षा के लिए तथा धर्मांधों पर रोक लगाने के लिए कोई कडी कार्यवाही नहीं करते । इसलिए आक्रोशित होने पर यदि हिन्दू ऐसा कुछ कृत्य करते होंगे, तो उस पर विचार किया जाना चाहिए !
पुलिस पर पुनः आक्रमण न हो; इसलिए प्रशासन द्वारा इस समय हिन्दुओं के मंदिर भी गिराकर ‘हम भेदभाव नहीं करते’, ऐसा दिखाने का प्रयास किया गया, यदि कोई ऐसा कहे, तो इसमें चूक क्या है ?