स्वातंत्र्यवीर सावरकर के भित्तिपत्रक को हाथ लगाया, तो हाथ काट डालेंगे ! – श्रीरामसेना द्वारा चेतावनी

कर्नाटक में स्वातंत्र्यवीर सावरकर के फलकों के विरोध का प्रकरण

कर्नाटक में श्री गणेश पंडाल में श्री गणेशमूर्ति के समीप वीर सावरकर का छायाचित्र लगाएंगे – हिन्दू संगठनों का निर्णय

श्रीराम सेना ने इस वर्ष का गणेश उत्सव वीर सावरकर के उत्सव के रुप में मनाने का निर्णय लिया है । इस गणेश उत्सव के समय कर्नाटक में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के विषय में जनजागृति की जाएगी ।

कर्नाटक सरकार राज्य में अवैध चर्चों को ध्वस्त करे ! – प्रमोद मुतालिक का अवाहन

ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? सरकार को स्वयं ही कार्रवाई करनी चाहिए !

कर्नाटक में मस्जिदों पर लगे भोंपुओं के विरोध में श्रीराम सेना द्वारा हनुमान चालीसा पठन !

१ सहस्र मंदिरों से भोंपुओं द्वारा प्रातः ५ बजे हनुमान चालीसा पठन !

मस्जिदों से ध्वनिक्षेपक नहीं हटाए गए, तो हम ध्वनिक्षेपकों पर भजन गाएंगे !

ध्यान दें, उच्चतम न्यायालय के आदेश के होते हुए, मस्जिदों पर लगे हुए ध्वनिक्षेपकों को हटाने की कोई कार्रवाई न करने वाले पुलिस, इस प्रकरण में मुतालिक पर त्वरित कार्रवाई करेंगे !

हिजाबबंदी का निर्णय, संविधान की विजय – श्री प्रमोद मुतालिक, श्रीराम सेना !

बेंगलुरू (कर्नाटक) – ‘श्रीराम सेना’ हिन्दुत्ववादी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष श्री प्रमोद मुतालिक ने कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा हिजाबबंदी कायम रखने के ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत किया है । प्रसिद्धि माध्यमों से बात करते हुए उन्होंने कहा, कि हिजाबबंदी का निर्णय संविधाना की विजय है । हिजाब युनिफार्म का भाग नहीं हो सकता । स्कूल … Read more

कोलार (कर्नाटक) में हिन्दू संगठनों द्वारा घोषित ‘बंद’ सफल !

सतर्कता के लिए, श्रीराम सेना के अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक और पदाधिकारियों को बंदी बनाकर मुक्त कर दिया गया !

श्रीराम सेना और हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने बेलगांव में हिन्दुओं के धर्म परिवर्तन का प्रयास विफल किया !

इस घटना से देशभर में धर्मांतरण बंदी कानून लागू करने की और उसकी कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता स्पष्ट होती है !

हलालमुक्त दिवाली मनाएं ! – श्री. प्रमोद मुतालिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्रीराम सेना

हिन्दू जनजागृति समिति का ‘हलाल मुक्त दिवाली’ अभियान

बादामी (कर्नाटक) के प्राचीन मंदिरों को गिरा कर छात्रावास बनाने के प्रशासन के निर्णय का हिन्दुत्वनिष्ठ व्यक्तियों द्वारा विरोध !

ये मंदिर हटाने के प्रशासन द्वारा प्रयास आरंभ करने के उपरांत, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने उसका विरोध किया है । कहा जाता है, कि इस भूमि पर चालुक्य काल के मंदिर हैं ।