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हिन्दुत्वनिष्ठों के विरोध का परिणाम !
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विरोध के उपरांत लेखक के घर पर ही किया गया लोकार्पण !
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हिन्दू जनजागृति समिति एवं श्रीराम सेना की ज्ञापन प्रस्तुति के उपरांत सरकार का निर्णय
बेंगलुरू – हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा किए गए विरोध के उपरांत पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के जीवन पर आधारित पुस्तक के लोकार्पण का कार्यक्रम कर्नाटक की भाजपा सरकार ने रद्द किया । उसके उपरांत इस पुस्तक का लोकार्पण पुस्तक के लेखक के घर पर ही कुछ लोगों की उपस्थिति में किया गया ।
Bengaluru: Launch of book on former Pak PM Imran Khan cancelled after protestshttps://t.co/EMflYg5bR1
— TheNewsMinute (@thenewsminute) October 28, 2022
‘प्रमथ प्रकाशन’ की ओर से २७ अक्टूबर २०२२ को सायंकाल ५.३० बजे यहां के मल्लतळ्ळी कलाग्राम में इमरान खान के जीवन पर आधारित पुस्तक के लोकार्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया था । सुधाकर एस्.बी. नाम के लेखक ने यह पुस्तक लिखा है तथा कर्नाटक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच्.एन्. नागमोहन दास के हस्तों इस पुस्तक का लोकार्पण किया जानेवाला था । इसकी जानकारी मिलते ही हिन्दू जनजागृति समिति एवं श्रीराम सेना ने कन्नड एवं संस्कृत विभाग के मंत्री सुनील कुमार, साथ ही पुलिस अधिकारी मंजुनाथ को ज्ञापन प्रस्तुत कर यह कार्यक्रम रद्द करने की मांग की । इस अवसर पर हिन्दुत्वनिष्ठ नेता श्री. एम्.एल्. शिवकुमार, श्रीराम सेना के कार्यकर्ता, साथ ही हिन्दू जनजागृति समिति श्री. मोहन गौडा आदि उपस्थिथ थे ।
Big Success !!
Launch Of Book On Imran Khan Cancelled In Bengaluru After Protests by HJS & Shriram Sena ! – NDTV@HinduJagrutiOrg@Mohan_HJS @SG_HJS@RadharamnDas@GitaSKapoor_https://t.co/E2xXxGWxcB— 🚩 Ramesh Shinde 🇮🇳 (@Ramesh_hjs) October 27, 2022
शत्रुराष्ट्र के प्रधानमंत्री का महिमामंडन करना देशद्रोही कृत्य ! – मोहन गौडा, हिन्दू जनजागृति समितिइस विषय में श्री. मोहन गौडा ने कहा, ‘‘पाकिस्तान भारत में आतंकवाद को बल दे रहा है । स्वयं इमरान खान भी कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहन कर रहे हैं । इमरान खान जब प्रधानमंत्री थे, उस समय कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी आक्रमण में ४० शूर भारतीय सैनिकों ने बलिदान दिया था । शत्रुराष्ट्र के प्रधानमंत्री का महिमामंडन करना देशद्रोही कृत्य है, अतः इस पुस्तक के लोकार्पण के कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए । इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया जाए तथा इस कार्यक्रम के आयोजकों पर अपराध पंजीकृत किया जाए । हमने राज्य सरकार से ये मांगें की, जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने यह कार्यक्रम रद्द किया ।’’ |
संपादकीय भूमिकाइस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन करनेवालों पर सरकार को देशद्रोह का अपराध पंजीकृत कर उन्हें कारागार में डाल देना चाहिए ! |