हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए उत्तर भारत में धर्मप्रेमियों ने की सामूहिक प्रार्थना !

श्रीराम नवमी के पावन पर्व पर परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मथुरा के राधानगर के राधेश्वर महादेव मंदिर में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रार्थना की गई । इस अवसर पर मंदिर के प्रमुख श्री. महेश पांडे उपस्थित थे ।

अक्षय तृतीया के पर्व पर ‘सत्पात्र को दान’ देकर ‘अक्षय दान’ का फल प्राप्त करें !

हिन्दू धर्म के साढे तीन शुभमुहूर्ताें में से वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया एक है । इसीलिए इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं । इस तिथि पर कोई भी समय शुभमुहूर्त ही होता है । इस वर्ष ३ मई २०२२ को अक्षय तृतीया हैं ।

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के अव्यक्त संकल्प के कारण गत एक वर्ष में विविध भाषाओं में सनातन के ३० नए ग्रंथ-लघुग्रंथ प्रकाशित और ३५७ ग्रंथ-लघुग्रंथों का पुनर्मुद्रण !

‘हिन्दू राष्ट्र’ धर्म के आधार पर ही स्थापित होगा । धर्मप्रसार के कार्य में ज्ञानशक्ति, इच्छाशक्ति और क्रियाशक्ति में से ज्ञानशक्ति का योगदान सर्वाधिक है । ज्ञानशक्ति के माध्यम से कार्य होने का सर्वाधिक प्रभावी माध्यम हैं ‘ग्रंथ’ ।

साधना करने के कारण दिव्य कार्य होने से स्वयं के साथ समाज को भी साधना के लिए प्रवृत्त करना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

सनातन संस्था प्रभावशाली पद्धति से अध्यात्मप्रसार का कार्य कर रही है, साथ ही एस.एस.आर.एफ. द्वारा किया जा रहा शोधनिबंध तैयार करने का कार्य देखकर ऐसा लगता है कि समाज निश्चित रूप से धर्माचरण करने के लिए प्रेरित होगा ।

परेच्छा एवं साधना के प्रति लगन होनेवाली ओडिशा की सुश्री (कु.) सुनीता छत्तर ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त कर जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त !

मनोगत व्यक्त करते हुए सुश्री सुनीता छत्तर ने कहा कि वह बचपन से ही भगवान शिव की उपासना करती थीं । साधना आरंभ करने पर उन्होंने शिवजी से प्रार्थना की, ‘अब मैं आपकी ही हो गई हूं न ! इसलिए आप ही मुझे अपनी पूर्णकालिक सेवा करने के लिए सेवाकेंद्र में लेकर आइए ।’

जे के योग के प्रवर्तक एवं विश्वविख्यात प्रेरक वक्ता स्वामी मुकुंदानंदजी ने सनातन संस्था के कार्य को दिए आशीर्वाद !

स्वामी मुकुंदानंदजी को सनातन संस्था-निर्मित ‘गुरुकृपायोगानुसार साधना’ ग्रंथ भेंट दिया गया । स्वामीजी ने संस्था और गुरुदेव के कार्य की सराहना की और कार्य को अपने आशीर्वाद भी दिए ।

अध्यात्मप्रसार के कार्य के लिए यात्रा करनेवाले साधकों की अपने परिचितों के यहां निवास एवं भोजन व्यवस्था हो सकती हो, तो जानकारी दें !

साधकों को सूचना एवं पाठक, शुभचिंतक एवं धर्मप्रेमियों से विनती !      सनातन संस्था के पूर्णकालीन साधक अध्यात्मप्रसार एवं हिन्दू राष्ट्र-जागृति के कार्यक्रम के लिए भारत के विविध राज्यों में यात्रा कर रहे हैं । इस यात्रा के समय विविध राज्यों में अध्यात्मप्रेमी जिज्ञासु एवं हिन्दू राष्ट्रप्रेमियों को संपर्क करना, व्याख्यान, बैठक, सभा, शिविर … Read more

महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति और सनातन संस्था द्वारा अध्यात्मप्रसार

     महाशिवरात्रि के दैवी अवसर पर भगवान शिव के संदर्भ में अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी सभी जिज्ञासुओं को हो, इसलिए सनातन संस्था द्वारा विविध उपक्रमों का आयोजन किया गया ।      प्रवचनों के माध्यम से महाशिवरात्रि का व्रत कैसे करें ?, महाशिवरात्रि के दिन शिवजी का नामजप अधिकाधिक क्यों करें ?, शिवतत्त्व आकर्षित करनेवाली रंगोलियां बनाना, शिवजी … Read more

सनातन के आश्रम में वेद, पुराण एवं उपनिषद के अनुसार किया जानेवाला आचरण अनुकरणीय ! – प्रा. डॉ. रमाकांत शर्मा

प्रा. डॉ. रमाकांत शर्माजी, आयुर्वेद में एम.डी., पीएच.डी. होने के साथ-साथ एम.ए., एम.बी.ए. भी हैं । वे जयपुर के ‘नेशनल इन्स्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद’ के सेवानिवृत्त प्राध्यापक हैं । उनकी आयुर्वेदीय औषधियों का उत्पादन करनेवाली ‘गौरव मैन्युफैक्चरिंग फार्मसी’ है । वे भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के भी सदस्य हैं ।

मथुरा के संत श्री गोविंदाचार्यजी से सनातन संस्था के साधकों ने भेंट ली !

सनातन पंचांग देखकर संत श्री गोविंदाचार्यजी ने कहा, ‘‘यह पंचांग बहुत ही अच्छा है । इसमें बहुत सारी अच्छी जानकारी दी गई है ।’’ उन्होंने सनातन संस्था के साधकों को रमणरेती आश्रम में भी आने का निमंत्रण दिया ।