मंगलदोष – धारणाएं एवं गलतधारणाएं

‘विवाह निश्चित करते समय वर-वधू की जन्मकुंडलियों में मंगलदोष का विचार किया जाता है । अनेक बार व्यक्ति का विवाह केवल ‘मंगलदोष है’ इसलिए सहजता से मिलान नहीं होता ।

घर के रोपण के अंतर्गत वनस्पतियों के पत्ते एवं फूलों से बनाई जा सकनेवाली चाय के विभिन्न विकल्प

सामान्य चाय के दुष्परिणाम होने से अनेक लोगों को लगता है, ‘चाय पीना बंद करना चाहिए’; परंतु ‘चाय का कोई अन्य विकल्प होना चाहिए’, ऐसा भी लगता है । ऐसे लोगों के लिए घर के रोपण के अंतर्गत फूल-पत्तियों से बनाई जानेवाली चाय के ये विकल्प उपलब्ध हैं ।

होली ७ मार्च (फाल्गुन पूर्णिमा)

होलिकोत्सव दुष्प्रवृत्ति व अमंगल विचारों को समाप्त कर, सन्मार्ग दर्शानेवाला उत्सव है । इस उत्सव का महान उद्देश्य है, अग्नि में वृक्षरूपी समिधा अर्पित कर वातावरण को शुद्ध करना ।

भारत में संख्या में सर्वाधिक युवावर्ग को दिशा देना राष्ट्रीय दायित्व ही है !

‘उपयोग करो और फेंक दो’ (Use and Throw)’ यह जो पश्चिमियों की आधुनिक संस्कृति है, उसे अब अनेक युवकों ने भी अपना लिया है । उसके कारण जिन माता-पिता ने जन्म दिया, जन्म से लेकर आत्मनिर्भर होने तक सभी बातों का ध्यान रखा

‘पद्मविभूषण’, ‘पद्मभूषण’ एवं ‘पद्मश्री’ पुरस्कार तथा उनके वास्तविक अधिकारी !

‘केंद्र सरकार ने वर्ष १९५४ से ‘पद्म’ पुरस्कार प्रदान करना आरंभ किया । २६ जनवरी को राष्ट्रपति के हस्तों ये पुरस्कार दिए जाते हैं । ‘भारतरत्न’ के उपरांत ‘पद्मविभूषण’ पुरस्कार दूसरा प्रतिष्ठित सम्मान है । अभी तक २४२ लोगों को ये पुरस्कार प्रदान किए गए ।

न्यायपालिका एवं विधिपालिका के बीच की अहंकार की लडाइयां ?

‘हे न्यायदेवता, मैं आपको पुनः पत्र लिख रहा हूं । उसे देखकर आप क्षुब्ध नहीं होंगे, ऐसी यदि मैंने अपेक्षा रखी, तब भी पत्र पढकर आप कुछ करेंगे नहीं, ऐसा मुझे लगने न दें; क्योंकि देखा जाए, तो विषय थोडा गंभीर है और कहा जाए, तो व्यंगात्मक भी ! किसी ने पहले ही कह डाला था कि इतिहास की पुनरावृत्ति होती है । पहले वह शोकांतिका होती है तथा उसके पश्चात वह व्यंग होता है ।

शी जिनपिंग के सामने चुनौती खडी करनेवाला चीन का ऐतिहासिक विद्रोह !

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोरोना महामारी की आड में लागू किए प्रतिबंध अंततः जनता के प्राणों तक आने से लाखों चीनी नागरिकों ने सडक पर उतरकर उनका तीव्र विरोध किया । यह आंदोलन इतना तीव्र था कि उसके कारण जिनपिंग को पीछे हटकर प्रतिबंधों में ढील देने पर बाध्य होना पडा । चीनी नागरिकों … Read more

शरीर निरोगी रहने के लिए अयोग्य समय पर खाने से बचें !

‘सोने-उठने का समय निश्चित नहीं, व्यायाम नहीं, नित्य ही रात को चिप्स, सेव, चिवडा-नमकीन इत्यादि खा रहे हैं, तब भी यदि आप निरोगी हैं, तो यह आपके पूर्वजन्म के पुण्यों के कारण है; परंतु ध्यान रहे कि पुण्य समाप्त होते ही अब जो गलत आदतें हैं उनका परिणाम रोगों के रूप में दिखाई देने लगेगा ।

घोर आपातकाल का आरंभ होने से पूर्व अधिक गति से आवश्यक ग्रंथ-रचना की सेवा में सम्मिलित होकर शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति कर लें !

‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने बताया है, ‘घोर आपातकाल का आरंभ होने से पूर्व अधिकाधिक ग्रंथों की निर्मिति कर उसके द्वारा समाज को साधक बनाना’ आज के समय की श्रेष्ठ समष्टि साधना है !’ इस प्रकार ग्रंथ-रचना का कार्य अधिक गति से करने का एक दृष्टि से परात्पर गुरु डॉक्टरजी का अव्यक्त संकल्प ही हुआ है ।