द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन की बुद्धि का अस्त !

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के कुलदीपक ने सनातन धर्म को विभिन्न प्रकार की संक्रामक बीमारियों की उपमाएं देकर अनादर किया । उनके द्वारा सनातन धर्म के विषय में किया गया वक्तव्य उनकी बुद्धि अस्त होने का दर्शक है । मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं ?, यह मैं इस लेख में कारणों सहित स्पष्ट कर रहा हूं ।

विज्ञान एवं अध्यात्म के अनुसार सगुण-निर्गुण !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा से मुझे अंतर से विज्ञान एवं अध्यात्म, साथ ही उनके संदर्भ में सगुण एवं निर्गुण के विषय में कुछ सूत्र सूझे । वे इन दोनों संकल्पनाओं को सुस्पष्ट करते हैं, इसकी मुझे अनुभूति हुई ।

रात की नींद पूर्ण होनी चाहिए !

कुछ लोग रात देर तक जागरण करते हैं और पुन: सवेरे भी शीघ्र उठते हैं । कभी-कभी यह ठीक है; परंतु सदैव ही ऐसा करने पर उसका शरीर पर गंभीर दुष्परिणाम हो सकता है ।

एक राष्ट्र एक चुनाव

कुल मिलाकर ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ पूरी ताह राष्ट्र के हित में है तथा इसका जो भी मूल्य हो, उसकी भरपाई कर राष्ट्र को ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की ओर बढना चाहिए ।

वर्तमान शिक्षा एवं आध्यात्मिक शिक्षा में अंतर !

‘शिक्षक द्वारा मानचित्र में दिखाए अमेरिका को सत्य मानकर अध्ययन करनेवाले; परंतु संतों द्वारा बताए गए देवता के चित्र पर श्रद्धा रखकर अध्यात्म का अध्ययन न करनेवाले बुद्धिप्रमाणवादी नहीं, अपितु अध्यात्म विरोधी हैं, ऐसा कह सकते हैं । इससे संबंधित एक विवरणात्मक लेख प्रस्तुत है ।

कांग्रेस की इंदिरा गांधी ने मिजोरम पर बम क्यों बरसाए ?

कांग्रेस के शासनकाल में एक से बढकर एक, ऐसी अनेक काली करतूतें हुई हैं । उन्हें बाहर निकालना आवश्यक है ।

श्राद्ध किसे करना चाहिए ?

माता-पिता तथा अन्य निकटवर्ती संबंधियों की मृत्यु के उपरांत, उनकी आगे की यात्रा सुखमय एवं क्लेशरहित हो तथा उन्हें सद्गति प्राप्त हो, इसलिए ‘श्राद्ध’ करना आवश्यक है । पितृपक्ष के निमित्त इस लेख में श्राद्ध का महत्त्व एवं लाभ तथा ‘श्राद्ध किसे करना चाहिए ?’ यह समझ लेते हैं ।

भारत के चंद्र अभियान की सफलता के विषय में अनुभव हुईं सूक्ष्म गतिविधियां !

‘विक्रम लैंडर’ चंद्रमा पर सफलता से उतरने के विषय में अनुभव हुए सूक्ष्म आयाम संबंधी तथ्य

धर्म, धर्मनिरपेक्षता एवं संविधान !

भारत स्वयंभू हिन्दू राष्ट्र है ही; परंतु संविधान द्वारा यह घोषित होना आवश्यक है !

चीनी (फेंगशुई) वास्तुशास्त्र अच्छा अथवा भारतीय वास्तुशास्त्र श्रेष्ठ ?

भारतीय वास्तुशास्त्र में निश्चित नियम हैं । ये नियम किसी भी व्यक्ति, कुटुंब एवं घर के लिए समान रूप से ही लागू हैं । पुन: पुन: रचना में परिवर्तन करने की थोडी भी आवश्यकता नहीं । ‘अच्छे अथवा अनिष्ट परिणाम किस कारण होते हैं ?’, यह भी स्पष्ट रूप से बताया है ।